बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की सियासत को गरमा दिया है। पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार किए जाने के बाद आप सरकार पर गंभर सवाल खड़े हो रहे हैं। बीजेपी ने बग्गा की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है।

दरअसल, पंजाब पुलिस की एक टीम ने शुक्रवार (6 मई, 2022) को बग्गा के दिल्ली स्थित घर से उन्हें गिरफ्तार किया और उन्हें लेकर पंजाब रवाना हो गई, लेकिन दिल्ली पुलिस के कहने पर कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया। बाद में बग्गा को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। तजिंदर बग्गा पर पंजाब के मोहाली जिले में सोशल मीडिया पर कथित रूप से भड़काऊ बयान देने को लेकर एक मामला दर्ज है।

बता दें कि अंतरराज्यीय गिरफ्तारी का यह पहला मामला नहीं है कुछ दिन पहले ही गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को देर रात असम पुलिस ने उनके गृह राज्य से गिरफ्तार किया और पूर्वोत्तर राज्य ले गई। उनकी गिरफ्तारी पीएम मोदी को लेकर किए गए एक कथित पोस्ट पर हुई थी। हालांकि, मेवाणी को बाद में जमानत दे दी गई।

दिसंबर 2019 में दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतर-राज्यीय गिरफ्तारी को लेकर कुछ दिशा-निर्देश दिए थे, जो इस प्रकार हैं-

  1. दूसरे राज्य का दौरा करने से पहले, पुलिस अधिकारी को उस स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में उसे जांच करनी है। उसे शिकायत की एफआईआर और राज्य की भाषा में अन्य दस्तावेज साथ ले जाने चाहिए।
  2. जिस इलाके में जांच करनी है वहां जाने के बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करना जरूरी है। साथ ही संबंधित पुलिस स्टेशन उन्हें सभी कानूनी सहायता मुहैया कराएगा।
  3. पुलिस को गिरफ्तार व्यक्ति को यह मौका जरूर देना चाहिए कि वो अपने वकील से एक बार बात कर ले।
  4. अपने राज्य में वापस लौटते समय पुलिस अधिकारी को स्थानीय पुलिस स्टेशन की दैनिक डायरी में गिरफ्तार व्यक्ति का नाम, पता, सारी डिटेल्स दी जानी चाहिए। अगर उसके पास से कोई वस्तु बरामद हुई है तो उसको भी दर्ज करना जरूरी है।
  5. यदि गिरफ्तार व्यक्ति को ऐसी जगह ले जाया जा रहा है, जहां उसका कोई परिचित ना हो, तो उसको अपने साथ परिवार के सदस्य या परिचित को साथ ले जाने की अनुमति है। ताकि वह उसके लिए कानूनी व्यवस्था कर सके। गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना जरूरी है।

जहां तक बग्गा की गिरफ्तारी का मामला है तो दिल्ली पुलिस का आरोप है कि पंजाब पुलिस ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया। वहीं, पंजाब पुलिस का दावा है कि सभी नियमों का पालन किया गया है।

कौन हैं तजिंदर बग्गा
तजिंदर बग्गा का नाम कई बार विवादों में आ चुका है। 16 साल की उम्र में ही उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया था। वे अन्ना आंदोलन के समय केजरीवाल टीम का हिस्सा थे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता के रूप में काम किया और इसके बाद भगत सिंह क्रांति सेना का एक संगठन भी बनाया। बग्गा का नाम कई विवादों से जुड़ा है उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान पर बवाल मचा दिया था और उनकी अगुआई में सीएम के घर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने तोड़-फोड़ की। इसके अलावा, वे राजीव गांधी पर टिप्पणी से लेकर प्रशांत किशोर को थप्पड़ मारने तक कई विवादों के कारण चर्चाओं का हिस्सा रहे हैं।

सिद्धू ने किया तजिंदर बग्गा का समर्थन
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, “तजिंदर बग्गा अलग पार्टी से हो सकते हैं और वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक प्रतिशोध के लिए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने पंजाब पुलिस के माध्यम से हिसाब चुकता करने के लिए जो किया वो बहुत बड़ा पाप है। पंजाब पुलिस का राजनीतिकरण कर उसकी छवि खराब करना बंद करें।”