वक्फ संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने की आज अंतिम तारीख है। इस बीच वक्फ अधिकारियों का कहना है कि विवरण अपलोड करना पूरा नहीं हो सकता। केंद्र द्वारा 6 जून को शुरू किए गए पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को पंजीकृत करने की समय सीमा से एक दिन पहले, देश भर में सबसे अधिक वक्फ भूमि वाले पांच राज्यों में से चार में अब तक विवरण अपलोड नहीं किया जा सका है। चारों राज्यों में अब तक लगभग एक तिहाई से दसवें हिस्से तक की संपत्तियों का विवरण अपलोड किया गया है।
वक्फ बोर्ड और संपत्तियों के मुतवल्लियों (देखभालकर्ताओं) को पोर्टल – UMEED या ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास’ – के क्रैश होने, सदियों पुरानी संपत्तियों के बारे में दस्तावेजों और कागजात खोजने में कठिनाई, साथ ही विभिन्न राज्यों में भूमि के लिए उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग मापों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अब तक 1.5 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत
उम्मीद पोर्टल के बारे में बात करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “वक्फ कानून बनाने के बाद हमने उम्मीद पोर्टल लॉन्च किया था और संबंधित पक्षों को सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया था। आज आखिरी दिन है और लाखों संपत्तियां अभी भी पंजीकृत नहीं हुई हैं। कई सांसद और सामाजिक नेता मेरे पास समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करने आए थे। अब तक, 1.5 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत हो चुकी हैं।”
मंत्री ने आगे कहा, “मैं सभी मुतवल्लियों को आश्वस्त करता हूं कि अगले तीन महीनों तक, हम ‘उम्मीद’ पोर्टल पर पंजीकरण करने वालों पर कोई जुर्माना नहीं लगाएंगे या कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेंगे। आप पंजीकरण करने में असमर्थ हैं तो मेरा अनुरोध है कि आप न्यायाधिकरण में जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देशों में स्पष्ट किया था कि छह महीने की समय सीमा के बाद तारीख नहीं बढ़ाई जा सकती है लेकिन न्यायाधिकरण के पास इसे 6 महीने तक आगे बढ़ाने का अधिकार है। हम अपने लोगों को अधिकतम राहत देने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन कुछ चीजें कानून से बंधी होती हैं। चूंकि संसद ने इसे पारित कर दिया है। वक्फ संशोधन अधिनियम, हम कानून नहीं बदल सकते।”
केंद्र सरकार ने शुरू किया उम्मीद पोर्टल
विवादित वक्फ (संशोधन) अधिनियम के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार द्वारा “उम्मीद” पोर्टल शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य सभी वक्फ संपत्तियों को जियो-टैगिंग और दस्तावेज़ीकरण के साथ एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस के अंतर्गत लाना है। सरकार का कहना है कि इससे संपत्तियों का बेहतर और पारदर्शी प्रबंधन और संरक्षण सुनिश्चित होगा। अनुमान है कि देश भर में 8.8 लाख वक्फ संपत्तियां फैली हुई हैं।
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उत्तर प्रदेश में लगभग 35% संपत्तियां UMMEED पर पंजीकृत
उत्तर प्रदेश में गुरुवार तक लगभग 35% संपत्तियाँ UMMEED पर पंजीकृत हो चुकी थीं। पश्चिम बंगाल में, जहाँ तृणमूल कांग्रेस सरकार को ज़िला मजिस्ट्रेटों को वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण का निर्देश देने पर मुस्लिम संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा है, सोमवार रात तक लगभग 12% का विवरण अपलोड किया गया था। कर्नाटक और तमिलनाडु में यह आंकड़ा क्रमशः मंगलवार और बुधवार तक 10% था।
वक्फ संपत्तियों के आकार के मामले में तीसरे स्थान पर स्थित पंजाब एक अपवाद है जहां बुधवार शाम तक लगभग 80% संपत्तियों का पंजीकरण हो चुका था। शुक्रवार तक अगर वक्फ संपत्तियां UMEED पर पंजीकृत नहीं होती हैं तो उनके संबंधित वक्फ बोर्ड या मुतवल्ली अपने राज्यों के वक्फ न्यायाधिकरणों से संपर्क कर सकते हैं और इसके कारण बता सकते हैं। न्यायाधिकरणों के पास समय सीमा बढ़ाने का अधिकार है।
उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी समुदायों के लिए दो अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं। सोमवार रात तक, सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने नियंत्रण में कुल 1.26 लाख (36%) में से 45,574 वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज़ अपलोड करने में कामयाब रहा था; जबकि शिया वक्फ बोर्ड ने अपने अधीन 15,386 वक्फ संपत्तियों में से 2,909 (18.9%) के दस्तावेज़ अपलोड किए।
यूपी के अधिकारी बोले- हम समय सीमा से पहले प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाएंगे
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि उम्मीद पोर्टल पर मांगे जा रहे दस्तावेज़ और विवरण मिलना मुश्किल है क्योंकि कुछ वक्फ संपत्तियाँ ऐतिहासिक हैं और उनके कागज़ात मिलना नामुमकिन है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफ़र फ़ारूक़ी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुतवल्ली और वक्फ बोर्ड के अधिकारी दस्तावेज़ों को अपलोड करने और संपत्तियों का पंजीकरण पूरा करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं लेकिन हम समय सीमा से पहले यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाएँगे।”
पश्चिम बंगाल में लगभग 10,000 संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर सफलतापूर्वक पंजीकृत किया गया
पश्चिम बंगाल औकाफ बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात तक राज्य में कुल 80,480 वक्फ संपत्तियों में से लगभग 10,000 को उम्मीद पोर्टल पर सफलतापूर्वक पंजीकृत किया गया। अधिकारी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मुतवल्ली तकनीकी रूप से दक्ष और शिक्षित नहीं हैं इसलिए काम धीमी गति से चल रहा है। अधिकारी ने कहा, “आप उनसे कंप्यूटर पर अंग्रेज़ी में पोर्टल इस्तेमाल करने को कह रहे हैं। ग्रामीण बंगाल में ज़्यादातर मुतवल्ली अंग्रेज़ी नहीं जानते।”
कर्नाटक राज्य औकाफ बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुल 65,242 वक्फ संपत्तियों में से केवल 6,000 के आसपास की जानकारी बुधवार तक अपलोड की गई थी। अधिकारी ने कहा, “सर्वर ज़्यादातर समय काम नहीं करता, सरकार को कुछ करना चाहिए, पोर्टल चालू होने पर भी हर संपत्ति के लिए 10-15 मिनट लगते हैं।”
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पंजाब में सबसे ज्यादा हुए रजिस्ट्रेशन
पंजाब में 25,000 वक्फ सम्पदाओं में से लगभग 20,000 को उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। राज्य में इतनी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन के बारे में बताते हुए, पंजाब वक्फ बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण नहीं किया है बल्कि वक्फ एस्टेट का पंजीकरण किया है, जो आसान और कम जटिल है। एक वक्फ एस्टेट में कितनी भी संपत्तियाँ हो सकती हैं।” अधिकारी ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिलाया कि राज्य में मुतवल्ली नहीं हैं लेकिन बोर्ड सीधे वक्फ सम्पदा का प्रबंधन करता है। उन्होंने कहा, “इसलिए, हमारे लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, हमारे वक्फ बोर्ड के कर्मचारी पिछले दो हफ़्तों से दिन-रात काम कर रहे हैं।”
तमिलनाडु वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के नवास कानी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 66,092 वक्फ संपत्तियों में से मंगलवार तक केवल लगभग 6,000 का ही पंजीकरण हो पाया था। कानी ने मंगलवार को कहा, “यह प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है और पूर्ण अनुपालन तक पहुँचने में काफ़ी समय लगेगा।”
