Waqf Board JPC: वक्फ बोर्ड के कानूनों में संशोधन को लेकर बनी जेपीसी यानी संसदीय समिति में आए दिन नए-नए विवाद की खबरें सामने आ रही हैं और नया विवाद दिल्ली वक्फ बोर्ड प्रशासक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को लेकर हुआ है। यह रिपोर्ट मंगलवार को जेपीसी को सौंपी गई है, जिसके एक दिन पहले ही दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह ने जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखा था।
जानकारी के मुताबिक, जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लेकर लिखे पत्र में सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार से मंजूरी लिए बिना ही वक्फ बोर्ड के अधिकारी द्वारा जेपीसी को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके चलते इसे अमान्य घोषित किया जाdना चाहिए।
अधिकारी ने पेश किए मौखिक साक्ष्य
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकारी की रिपोर्ट को लेकर, संसदीय समिति की बैठक में काफी विवाद हुआ और समिति में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा असहमति जताने और विरोध करने के चलते, बोर्ड के अधिकारी ने मंगलवार को समिति के सामने पेश होकर मौखिक साक्ष्य भी दिए।
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रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले वक्फ बोर्ड प्रशासक की शक्तियों को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच बहस हुई, जिसके चलते ज्यादा काम ही नहीं हो सका।
जब BJP सांसद से भिड़ गए कल्याण बनर्जी
पहले कल्याण बनर्जी को लेकर हुआ था विवाद
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के जेपीसी की बैठक के दौरान हंगामा करने की खबर सामने आई थी। बताया गया था कि बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहसबाजी के चलते, बनर्जी इतना ज्यादा गुस्से में आ गए थे, कि गाली-गलौच करने लगे थे।
इतना ही नहीं, उन्होंने कांच की पानी की बोतल तक तोड़ दी थी, जिसके चलते कांच उनके हाथ में भी लगा था और वे चोटिल भी हो गए थे। उनके हाथ के इलाज में टांके तक लगाए गए थे।
कल्याण बनर्जी ने किया जेपीसी में बवाल?
विवाद पर क्या बोले कल्याण बनर्जी?
उस विवाद के बाद मंगलवार को जेपीसी की बैठक में शामिल होने आए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बीजेपी के अभिजीत गंगोपाध्याय पर उन्हें उकसाने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्होंने हताश होकर कांच की बोतल तोड़ दी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उस दिन नसीर (हुसैन, कांग्रेस सदस्य) और गंगोपाध्याय के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी।
अध्यक्ष पर बोतल फेंकने का नहीं था इरादा – कल्याण बनर्जी
बनर्जी ने कहा कि मैंने गंगोपाध्याय से पूछा कि वह क्यों चिल्ला रहे थे… अध्यक्ष वहां नहीं थे। बाद में अध्यक्ष मेरे प्रति सख्त थे, लेकिन उनके प्रति नरम थे। इससे मैं निराश हो गया था।
उन्होंने कहा कि जब वे घायल हुआ, तो मैंने बोतल छोड़ दी और वह कुर्सी की ओर लुढ़क गई। उस दिन मैंने बैठक में कहा कि मेरा अध्यक्ष पर बोतल फेंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने खेद भी जताया और चार बार सॉरी भी कहा था, लेकिन उनका रवैया मेरे प्रति काफी सख्त था।