Waqf Bill Passed: मोदी सरकार ने वक्फ बिल को दोनों सदनों से पारित करवा दिया है। इस बिल का पारित होना केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी सियासी जीत है, ऐसा भी इसलिए क्योंकि जब इससे पहले किसी बड़े रिफॉर्म को सदन में लाने की कोशिश हुई थी, पूरे देश में आंदोलन देखने को मिले, कई जगह हिंसा तक हुई, लेकिन इस बार विपक्ष ना कोई बड़ा आंदोलन खड़ा कर सका और ना ही देश में किसी तरह की कोई हिंसा हुई।
अब सवाल उठता है कि पीएम मोदी का अगला एजेंडा क्या रहने वाला है? वक्फ पारित हो गया, लेकिन अब आगे सरकार और कौन से बड़े कदम उठाने वाली है, कौन से बड़े फैसले होते हुए दिख सकते हैं?
एजेंडा नंबर 1- काशी-मुथरा विवाद
सरकार के एजेंडे में अब मथुरा-काशी विवाद रहने वाला है। असल में बीजेपी लंबे समय से मांग कर रही है कि वाराणसी और मथुरा में उन जगहों पर मंदिर बनना चाहिए जहां भगवान शिव और भगवान श्री कृष्ण का आधार रहा है, काशी को अगर शिव की नगरी माना गया है तो वही मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि। हिंदू पक्ष कोर्ट में इसे लेकर सियासी लड़ाई भी लड़ रहा है, बीजेपी चाहती है कि राम मंदिर की तरह यहां भी अदालत के जरिए ही कोई समाधान निकले।
वक्फ बिल का पारित होना मोदी सरकार की बड़ी जीत?
एजेंडा नंबर 2- यूनिफॉर्म सिविल कोड
पीएम मोदी के दूसरे बड़े एजेंडे की बात करें तो उसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड का शामिल होना जरूरी है। उत्तराखंड तो पहला ऐसा राज्य बन चुका है जहां पर यूसीसी को लागू किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक आने वाले समय में भाजपा शासित दूसरे राज्यों में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड आ सकता है, गुजरात में भी इसकी एक रूपरेखा तैयार कर ली गई है। अब यूनिफॉर्म सिविल कोड को बीजेपी तो अपने वैचारिक और राजनीतिक एजेंडे का एक अहम हिस्सा मानती है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यूसीसी की वजह से देश का लोकतांत्रिक ढांचा कमजोर होगा।
एजेंडा नंबर 3- NRC का आना
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस को लेकर भी मोदी सरकार का स्टैंड एकदम स्पष्ट है। गृहमंत्री अमित शाह 2020 में लोकसभा में कह चुके हैं कि पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाएगा। यह अलग बात है कि असम अभी एक मात्र ऐसा राज्य है जहां पर नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस लागू किया गया है। यहां पर समझने वाली बात यह है कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही एनआरसी की प्रक्रिया को शुरू किया गया था।
एनआरसी के जरिए देश के वैद्य नागरिकों के नाम और उनकी पहचान से संबंधित जानकारी हासिल की जाएगी। इसके जरिए आसानी से अवैध प्रवासियों की पहचान हो पाएगी और फिर उन्हें देश से बाहर निकला जाएगा। विपक्ष एनआरसी को लेकर भी काफी असहज है और इसे मुसलमानों के खिलाफ मानता है। पश्चिम बंगाल में तो कई मौकों पर बीजेपी और टीएमसी के बीच में इस मुद्दे पर तकरार देखने को मिल चुकी है।
वैसे सरकार रिफॉर्म लाती रहेगी, लेकिन जमीनों को लेकर जो विवाद कई सालों से चल रहे हैं, उनका सुलझना मुश्किल है। इतिहास के पन्ने टटोलने पर पता चलता है कि पहले भी जमीन का मालिकाना हक तय होता था, लेकिन अगल तरीके से, यहां पढ़े जनसत्ता की खास खबर