राज्यसभा में इस समय वक्फ संसोधन बिल पर चर्चा जारी है। इस बीच बीजेडी ने अपने सांसदों को कहा है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन अपना फैसला लें। पार्टी की तरफ से कोई व्हिप जारी नहीं की जाएगी। इसे एक बड़ी पहल माना जा रहा है क्योंकि पहले बीजेडी ने इस बिल का विरोध किया था। ऐसे में बीजेडी के राज्यसभा में जो सात सांसद हैं, उन्हें खुली छूट है- वे चाहे तो बिल के पक्ष में भी वोट कर सकते हैं या फिर चाहें तो खिलाफ में भी जा सकते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि ऊपरी सदन में मौजूदा समय में सदस्यों की संख्या 236 है। यहां भी बीजेपी का नंबर सबसे अधिक है। बीजेपी के पास कुल 98 सदस्य हैं। वहीं एनडीए के कुल सदस्यों की संख्या 115 है। अगर इसमें 6 मनोनीत सदस्यों को भी शामिल कर दें तो यह आंकड़ा 121 तक पहुंचता है। राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत होगी। ऐसे में उसके बाद बहुमत से 2 सदस्य अधिक हैं।

वक्फ पर राज्यसभा में चर्चा, हर अपडेट यहां

अब अगर मान लिया जाए कि बीजेडी के सभी सात सांसद इस बिल के पक्ष में वोट करेंगे तो उस स्थिति में सरकार की बहुमत और ज्यादा मजबूत हो जाएगी। उस स्थिति में सरकार के पक्ष में आंकड़ा 128 पहुंच जाएगा। अगर ये सभी समर्थन ना भी करें, उस स्थिति में भी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। लेकिन जैसा बीजेडी का इतिहास रहा है, मोदी सरकार के कई अहम बिलों में उसने विपक्ष से अलग चलते हुए समर्थन में वोट किया है।

वैसे जारी बयान में बीजेडी ने कहा कि पार्टी ने हमेशा से ही धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को माना है। वक्फ बिल को लेकर भी अल्पसंख्य समुदायों की तरफ से जो विचार खे जा रहे हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। सभी बातों का ध्यान रखते हुए पार्टी ने अपने सांसदों से उम्मीद की है कि वे पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने वोटिंग अधिकार का इस्तेमाल करें, न्याय, शांति और सभी समुदायों के अधिकारों का ध्यान रखें। पार्टी की तरफ से कोई व्हिप जारी नहीं की गई है।

वैसे वक्फ पर समर्थन का खामियाजा नीतीश कुमार को भुगतना पड़ रहा है, और जानना चाहते हैं तो तुरंत इस खबर का रुख करें