Waqf Property In India: वक्फ संशोधन बिल आज गुरुवार को राज्यसभ में पेश किया गया है, इस पर अभी चर्चा जारी है। लोकसभा से तो यह बिल पारित हो चुका है, अब माना जा रहा है कि सरकार के पास ऊपरी सदन में भी उपयुक्त नंबर मौजूद है। वैसे इस समय चर्चा इस बात की भी चल रही है कि आखिर वक्फ के पास देश में कितनी संपत्ति है, आखिर किस आधार पर यह कहा जाता है कि रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ के पास है।
वर्तमान में वक्फ बोर्ड की जमीन 9.4 लाख एकड़ जमीन में फैली है, यहां भी वो 8.7 लाख प्रॉपर्टीज को कंट्रोल करता है। अगर इसकी कीमत निकाली जाए तो आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ से ज्यादा का हो जाता है। बड़ी बात यह है कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग हैं, कहा तो यह भी जाता है कि सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है।
वक्फ बोर्ड को लेकर कुछ सवाल जो उठते हैं, उसका बड़ा कारण यह है कि जितनी उसके पास जमीन है, उससे उतनी इनकम जनरेट नहीं हो पा रही है। आंकडों में बात करें देश में वर्तमान में 8.7 लाख बोर्ड प्रॉपर्टीज में से 356051 वक्फ एस्टेट के तौर पर रजिस्टर्ड चल रही है। सच्चर समिति ने साल 2006 में एक रिपोर्ट पेश की थी, उसमें जोर देकर बोला गया था कि अगर सही तरीके वक्फ प्रॉपर्टीज का इस्तेमाल हुआ तो कम से कम 12000 करोड़ की इनकम जनरेट हो सकती है।
वक्फ बिल को लेकर राज्यसभा में जारी चर्चा, हर अपडेट यहां
वैसे भारत में वक्फ की सबसे ज्यादा जमीन इस समय उत्तर प्रदेश में वहां, कुल संपत्ति का 27 फीसदी हिस्सा यहां रहता है। पंजाब और बंगाल में भी वक्फ की 9 प्रतिशत जमीनें हैं। तमिलनाडु में यह आंकड़ा 8 फीसदी चल रहा है, केरल, तेलंगाना और गुजरात में अभी वक्फ के पास 5 फीसदी जमीन है। कर्नाटक की बात करें तो यहां पर कुल अचल संपत्ति का 7 फीसदी हिस्सा है।
क्या है वक्फ बिल?
वक्फ (संशोधन) बिल 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला एक विधेयक है। केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करने के उद्देश्य से इस बिल को लागू करना चाहती है।
इस बिल के बाद क्या बदलाव होगा?
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्यों को शामिल करना, कलेक्टर को संपत्ति सर्वे का अधिकार देना और वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती देना का प्रावधान शामिल है। अगर बिल पास हुआ तो अब वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को जबरन ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित नहीं कर सकेगा। जानकारी के लिए बता दें कि जवाहर लाल नेहरू सरकार ने साल 1954 में वक्फ एक्ट पास किया था। वहीं, 1995 में वक्फ एक्ट में बदलाव भी किया गया था जिसके बाद हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई थी। इस एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे से लेकर रख-रखाव तक को लेकर प्रावधान हैं।
वैसे एक सवाल मन में और आता है, पहले कैसे किसी जमीन का मालिकाना हक तय होता था, ऐसा तो है नहीं कि वक्फ कोई हमेशा से यहां था। जनसत्ता ने इसी मुद्दे को समझने के लिए एक स्पेशल स्टोरी की थी, यहां पढ़ें