Waqf Act News: वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने सरकार के जवाब के बाद एक हलफनामा जवाब दिया है। मुस्लिम ने कहा कि सरकार ने दावा किया है कि 2013 से लेकर अब तक वक्फ बोर्ड की जमीन में 116 प्रतिशत की वृद्धि का दावा भ्रामक है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सरकार का जवाब दबाए गए तथ्यों के आधारित है।

सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून को लेकर सोमवार को सुनवाई करने वाला है। इस अहम हियरिंग से पहले याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील अब्दुल तल्हा रहमान द्वारा विस्तृत हलफनामे में कहा गया कि केंद्र ने सारा गलत डाटा पेश किया है। बोर्ड ने कहा कि वक्फ पोर्टल परर दिख रही सभी प्रॉपर्टीज 2013 में ही रजिस्टर हो हुई थीं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र के हलफनामे में यह बात न होने पर इसे ‘झूठा हलफनामा’ करार दिया है।

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AIMPLB बोला- लापरवाही से दी गई जानकारी

AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कहा कि ऐसा लगता है कि एक सरकारी अधिकारी और पोर्टल का प्रभारी ने या तो जानबूझकर इस तथ्य को दबाया है या लापरवाही से यह चार्ट बनाया है, जिससे ऐसी तस्वीर को गलत तरीके से दर्शाया जा सके, जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है।” मुस्लिम पक्ष के याचिकाकर्ताओं ने सरकार के दावे को “असमर्थित और दलील में अपमानजनक आरोप” बताया है।

वक्फ कानून पूरी तरह वैध, चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाएं

केंद्र सरकार ने क्या कहा था?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में AIMPLB ने यह हलफनामा केंद्र द्वारा 25 अप्रैल को 2025 अधिनियम को सही ठहराते हुए एक प्रारंभिक हलफनामा दायर करने के बाद पेश किया है। सरकार ने दावा किया है कि 2013 से पहले कुल वक्फ भूमि, जिसमें स्वतंत्रता-पूर्व युग भी शामिल है, लगभग 18 लाख (1.8 मिलियन) एकड़ थी, जिसमें 2013 और 2024 के बीच अतिरिक्त 20 लाख एकड़ जमीन जोड़ी गई।

वक्फ की जमीन में बढ़ोतरी को लेकर जताई थी हैरानी

केंद्र सरकार ने अपने जवाब में वक्फ की जमीन में हुई इस बढ़ोतरी को चौंकाने वाला बताया था। सरकार का कहना था कि इसमें 116 प्रतिशत की अभूतपूर्व और आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। सरकार ने यह तर्क भी दिया कि सरकारी और निजी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतों के बीच वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए कानून आवश्यक था। इसलिए केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन किया है।