ट्रेन चलने की खबर ने सड़कों पर प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ा दी है। शाम चार बजे वाली ट्रेन मिलने की चाह में कोई सुबह छह बजे घर से निकला है तो और कोई नौ बजे, वो भी आॅटो करके। कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास ऐसे ही लोग अपने सामान के साथ किसी तरह से रेलवे स्टेशन तक पहुंचने की मशक्कत करते नजर आए ताकि किसी तरह अब बस घर पहुंचा जाएं।
कश्मीरी गेट पर हनुमान मंदिर के पास ऐसे ही 6 युवा प्रवासी मजदूर स्टेशन जाते नजर आए। इनमें से एक विशाल ने बताया कि वे दिल्ली में उत्तम नगर में रह रहे थे। दो माह से किसी के पास कोई काम नहीं है। हमने तो राशन के लिए भी आवेदन किया था पर वह भी नहीं मिला। केवल बंद खुलने का इंतजार था। अब रेलगाड़ी चली है तो सभी ने घर जाने का फैसला लिया है। ये सभी लोग लखनऊ के हैं। जब उनसे रेल टिकट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि रेल टिकट तो नहीं है। पर सुना है एक या दो दिन में सफर शुरू हो जाएगा। तब तक इंतजार करेंगे। वरना सभी पैदल ही घर जाएंगे। यहां कोई काम नहीं है, भूखे मरने तक की नौबत है। इससे अच्छा किसी भी तरह घर पहुंच जाएं।
दो ऑटो बदल कश्मीरी गेट पहुंचे,अभी नई दिल्ली तक जाना है
सुयांश भी अपने कंधे पर बैग और एक बड़ा सा सूटकेस घसीटते रिंग रोड बस अड्डे पर मिले। उन्होंने बताया कि वे एक छात्र हैं और बुराड़ी में रह रहे थे। शाम 4 बज की ट्रेन के लिए 11 बजे ही निकल गए थे। पूरे रास्ते में कोई ऑटो बस नहीं मिला। किसी तरह से बस अड्डे तक पहुंचने के लिए दो अलग-अलग ऑटो से पहुंचे थे। यहां से अब नई दिल्ली तक पहुंचना है। टिकट हो चुका है लेकिन वहां तक पहुंचना ही एक बड़ी चुनौती है। रेलवे ने भी यात्रियों को तय समय से 45 मिनट पहले पहुंचने के आदेश दिए हैं। अगर यहां से कोई सवारी मिली तो टाइम पर पहुंच जाऊंगा। वरना सामान के साथ पैदल ही पहुंचने की कोशिश रहेगी।
प्रवासियों को घर तक पहुंचाने के लिए मांगी इजाजत
देश भर के लिए रेल सेवाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन पहले दिन सबसे अधिक परेशानी मेट्रो, बस व आॅटो आदि नहीं मिलने से हुई । स्टेशन के आसपास के इलाकों में यात्री साइकिल रिक्शा से ही स्टेशन जाते नजर आए। दिल्ली और आसपास में प्रवासियों के पलायन पर आॅल इंडिया लग्जरी बस एसोसिएशन ने आम जनता को बस सेवा उपलब्ध कराने की पेशकश की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम लाल गोला ने देश भर के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और मांग की है कि वे बसों के संचालन को अनुमति दें।
पत्र में बताया गया है कि एसोसिएशन के पास पर्याप्त बसें हैं और केंद्र सरकार के दिशानिर्देश का पालन करते हुए बसों में भी प्रावधान किए जा सकते हैं। इससे उन लोगों को रोकने में भी मदद मिलेगी जो कोई काम नहीं होने से दिल्ली से देश के दूसरे राज्यों की तरफ पलायन कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त परिवहन क्षेत्र से जुड़े परिवारों के लिए रोजगार का रास्ता खुलेगा। एसोसिएशन सरकार के सभी प्रावधान मानने को तैयार है। वहीं, दिल्ली आॅटो चालक संघ के नेता राजेंद्र सोनी ने गृहमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि देश के लिए ट्रेन सेवाएं शुरू की गई हैं ऐसे में लोगों को आॅटो टैक्सी की जरूरत होगी। इसलिए टैक्सी सेवाओं को भी चलने की मंजूरी दी जाए। इस समय आॅटो चालकों की वित्तीय हालात खराब है इसलिए इन परिवारों के लिए एक आर्थिक पैकेज भी जारी किया जाए।