Voice of Global South Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल मोड में दूसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। भारत ने 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। हमने भी संयम बरता है। हमने बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। हम इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की भी कड़ी निंदा करते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद, हमने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भी भेजी है। यही समय है, जब ग्लोबल साउथ के देशों को व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एकजुट होना चाहिए।
11 हजार से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत
बता दें, 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी समूह हमास द्वारा अचानक किए गए हमले में 1200 से अधिक इजरायली मारे गए, जिसमे ज्यादातर नागरिक मारे गए थे। इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए। जिसमें 11,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और जंग अभी भी जारी है।
पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ देशों के लिए दक्षिण नामक वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया और कहा कि ग्लोबल साउथ को पहली बार वैश्विक मंच पर एक आवाज मिली है। उन्होंने ग्लोबल साउथ के लिए 5 ‘सी’ का भी आह्वान किया जिसका मतलब है- परामर्श (Consultation), सहयोग (Cooperation), संचार (Communication), रचनात्मकता (Creativity) और क्षमता निर्माण (Capacity Building)।
‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ 21वीं सदी की बदलती दुनिया का प्रतिबिंब
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ 21वीं सदी की बदलती दुनिया को प्रतिबिम्बित करने वाला सर्वश्रेष्ठ मंच है। जी20 ने इस बार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन देने पर महत्वपूर्ण गंभीरता दिखाई है। हम 100 से अधिक देश हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकताएं समान हैं। जी20 में ग्लोबल साउथ के देशों को जलवायु परिवर्तन पर आसान शर्तों पर वित्त और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की सहमति बनी।
पीएम मोदी ने जी20 का किया जिक्र
मोदी ने कहा, ‘मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता, जब भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में जी20 में शामिल किया गया था।’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि नई तकनीक से ग्लोबल साउथ और नार्थ के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए। आज AI के युग में टेक्नोलॉजी को जिम्मेदारी के साथ उपयोग में लाने की बहुत जरूरत है। इसको आगे बढ़ाने के लिए भारत में अगले महीने ‘एआई ग्लोबल साउथ समिट’ (AI Global Partnership Summit) आयोजित की जा रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 12-13 जनवरी, 2023 को वर्चुअल मोड में उद्घाटन वीओजीएसएस की मेजबानी की थी। इस अनूठी पहल ने ग्लोबल साउथ के 125 देशों को अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को एक साझा मंच पर लाने का काम किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, अपनी G20 अध्यक्षता के माध्यम से भारत ने “यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि ग्लोबल साउथ की चिंताओं को उचित स्थान मिले और सबसे गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाए”।
मंत्रालय ने कहा, ‘दूसरा शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता के दौरान विभिन्न जी20 बैठकों में हासिल किए गए प्रमुख परिणामों को ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा करने पर केंद्रित होगा। वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, शिखर सम्मेलन अधिक समावेशी, प्रतिनिधि और प्रगतिशील विश्व व्यवस्था की हमारी आम आकांक्षा की दिशा में उत्पन्न गति को बनाए रखने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।’