यूरोप की सबसे बड़ी मोबाइस सर्विस कंपनी वोडाफोन ने अपनी भारतीय इकाई में 7.5 अरब डॉलर (करीब 47,700 करोड़ रुपये) निवेश करने का फायदा किया है। सितंबर के पहले हफ्ते में रिलायंस जियो द्वारा सस्ती 4-जी मोबाइल सेवा की घोषणा के साथ ही विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों में सेवाओं के लेकर जंग छिड़ गई है। मोबाइल इंटरनेट के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और कोई भी कंपनी इसे खोना नहीं चाहती। उपभोक्ताओं के मामले में वोडाफोन एयरटेल के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। वोडाफोन के पास देश में करीब 20 करोड़ उपभोक्ता हैं। वोडाफोन इस पैसे का उपयोग अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और रेडियो एयरवेव की नीलामी में करेगी। वोडाफोन द्वारा इतने बड़े निवेश की घोषणा इसलिए भी अहम है कि क्योंकि देश में आठ दिनों बाद अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू होने वाली है। वोडाफोन का ये निवेश केंद्र में मई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है।
वोडाफोन इंडिया के एमडी और सीईओ सुनील सूद ने मीडिया से कहा, “इस निवेश से हम अपने स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएंगे, अपने नेटवर्क का विस्तार करेंगे और नेक्स्ट-जेन 4-जी और 5-जी तकनीकी सेवा शुरू करेंगे।” सूद ने बताया कि वोडाफोन इंडिया आईपीओ लाने की भी तैयार कर रही है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी द्वारा सितंबर की शुरुआत में रिलायंस की 4-जी सेवा जियो के टैरिफ स्कीम की घोषणा की जिसके अनुसार कंपनी उपभोक्ताओं को आजीवन मुफ्त वॉयस कॉलिंग की सुविधा देगी। रिलायंस जियो ने दिसंबर तक अपनी सभी सेवाओं के मुफ्त देने की भी घोषणा की है। उपभोक्ताओं को एसएमएस और जियो ऐप भी मुफ्त मिलेंगे। यानी रिलायंस उपभोक्ताओं से 31 दिसंबर 2016 के बाद से केवल इंटरनेट डाटा के पैसे लेगी। इस घोषणा के बाद से बाकियों कंपनियों पर उपभोक्ताओं को सस्ती और बेहतर सेवा देने का दबाव है। रिलायंस की घोषणा के बाद से एयरलेट और भारतीय बाजार में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी आइडिया के शेयरों में गिरावट देखी गई।
माना जा रहा है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में वोडाफोन बड़ी बोली लगा सकता है। मीडिया में खबरों के अनुसार वोडाफोन स्पेक्ट्रम नीलामी पर 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक तक खर्च कर सकता है। वोडाफोन साल 2007 से भारत में कारोबार कर रहा है। कंपनी ने हचिसन एस्सार में 67 % की हिस्सेदारी 10.9 अरब डॉलर में खरीदी थी। कंपनी का ताजा निवेश भारत में उसका अब तक का दूसरे सबसे बड़ा निवेश है। कंपनी के लिए भारत तीसरा सबसे कमाऊ बाजार है। कंपनी अब तक भारत में 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।
Read Also: वोडाफोन लाया नया प्लान ‘फ्लैक्स’, अब अलग-अलग रिचार्जों से मिलेगी मुक्ति