प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विश्वकर्मा जयंती’ के मौके पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना शुरू की है। 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार जल्द ही पारंपरिक शिल्प कौशल में स्किल्ड व्यक्तियों के लिए एक योजना शुरू करेगी। पीएम मोदी ने द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के शुभारंभ के दौरान 18 पोस्ट टिकट और टूलकिट बुकलेट लॉन्च की है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आजकल हम देखते हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट बनाने के लिए अपना काम दूसरी छोटी-छोटी कंपनियों को देती हैं। ये विश्व में एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। आउटसोर्सिंग का काम भी हमारे विश्वकर्मा साथियों के पास आए, आप बड़ी सप्लाई चेन का हिस्सा बनें। हम इसके लिए आपको तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार अपने विश्वकर्मा भाई-बहनों का सम्मान बढ़ाने, उनका सामर्थ्य बढ़ाने और उनकी समृद्धि बढ़ाने के लिए एक सहयोगी बनकर आगे आई है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का आरंभ हो रहा है। हाथ के हुनर से, औजारों से, परंपरागत रूप से काम करने वाले लाखों कारीगारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर आ रही है। इसके साथ ही देश को इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर ‘यशोभूमि’ भी मिला है।”
क्या है ये योजना?
पीएम विश्वकर्मा की योजना को ₹13,000 करोड़ के परिव्यय के साथ पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। योजना के तहत, संभावित लाभार्थियों को बायोमेट्रिक-आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से निःशुल्क पंजीकृत किया जाएगा। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।
शुरुआत में 18 पारंपरिक व्यापारों को कवर किया जाएगा। इनमें बढ़ई (सुथार), नाव बनाने वाला, शस्त्रागार, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची आदि लोग शामिल होंगे।