Vishwa Hindu Parishad Margdarshak Mandal: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ ही तमाम अखाड़ों से जुड़े साधु-संत भी शामिल हुए हैं। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के मार्गदर्शक मंडल की बैठक भी प्रयागराज में होने जा रही है, जिसमें देश भर से साधु-संत शामिल होंगे। यह बैठक प्रयागराज में 24 से 27 जनवरी के बीच होगी। इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से आजाद कराने, मुस्लिम धर्मस्थलों पर हिंदुओं के दावे जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
पिछले कुछ महीनों में यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद और राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह सहित देश भर के अन्य स्थलों पर दावों को लेकर हिंदू संगठनों की ओर से अदालतों में याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। पिछले साल नवंबर में संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान जबरदस्त हिंसा हुई थी और पांच लोग मारे गए थे। इसे लेकर उत्तर प्रदेश का राजनीतिक माहौल अच्छा-खासा गर्म रहा था।
वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मंदिरों को आजाद करना वीएचपी के एजेंडे में सबसे ऊपर है और हम भी इस मामले में देशव्यापी अभियान चला रहे हैं। मार्गदर्शक मंडल की बैठक में आने वाले संत भी इन मुद्दों को उठाएंगे। इन मुद्दों के साथ ही हिंदू समाज से जुड़े अन्य जरूरी मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है।
विनोद बंसल ने बताया कि मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद वीएचपी की ओर से प्रन्यास मंडल (बोर्ड ऑफ ट्रस्ट्रीज) की भी बैठक होगी। इस बैठक में संतों के द्वारा दिए गए सुझावों को रखा जाएगा।
बांग्लादेश के हालात पर हो सकती है चर्चा
मार्गदर्शक मंडल की चार दिन तक चलने वाली बैठक में पहले दिन प्रमुख मार्गदर्शक, दूसरे दिन साध्वियां, तीसरे दिन संत और चौथे दिन युवा संत शामिल होंगे। वीएचपी प्रवक्ता ने बताया कि बांग्लादेश में चल रहे मौजूदा हालात, लव जिहाद, घर वापसी और धर्मांतरण के मुद्दों पर भी मार्गदर्शक मंडल की बैठक में चर्चा हो सकती है।
द इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक का एक प्रमुख एजेंडा जातिगत भेदभाव के बाद भी हिंदू एकता को बढ़ावा देना है क्योंकि विपक्ष लगातार हिंदुत्व के खिलाफ मंडल राजनीति यानि जाति जनगणना को लेकर मुखर है।
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सामाजिक समरसता पर रहेगा वीएचपी का फोकस
वीएचपी प्रवक्ता ने बताया कि हाल ही में हुई एक बैठक में फैसला लिया गया था कि चूंकि अब राम मंदिर निर्माण का लक्ष्य पूरा हो चुका है इसलिए अब हमारा काम राम को हर घर और हर व्यक्ति तक पहुंचाना है। साथ ही मुख्य लक्ष्य सामाजिक समरसता के मामले में भी काम करना है।
बंसल ने कहा कि कुंभ मेला इसका शानदार उदाहरण है। यहां पर सभी वर्गों, जातीय समुदायों के लोग अपने सभी मतभेदों को भूलकर एक साथ आते हैं और गंगा के पानी में डुबकी लगाते हैं। अब समय आ गया है कि हम जाति व्यवस्था और छुआछूत को पीछे छोड़ दें और एकजुट राष्ट्र बनें।
वीएचपी की इस अहम बैठक के बीच यह भी बताना जरूरी होगा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि आए दिन मंदिर-मस्जिद के मुद्दों को उठाने को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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