गुरुवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। बीजापुर पुलिस ने बताया कि 16 जनवरी को मिर्तुर पुलिस स्टेशन एरिया के हल्लूर गांव में रहने वाले एक नागरिक को माओवादियों ने किडनैप कर उसकी हत्या कर दी। माओवादियों ने किडनैप किए गए व्यक्ति की गला दबाकर हत्या की।
बीजापुर जिले के मिर्तुर पुलिस स्टेशन की तरफ से बताया गया कि यह घटना शाम करीब छह बजे के घटित हुई। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में घटनास्थल से प्रतिबंधित संगठन CPI Maoist द्वारा जारी किया गया एक पर्चा बरामद किया गया है। CPI माओवादी की भैरमगढ़ एरिया कमेटी द्वारा जारी इस पर्चे में मृतक पर पुलिस का मुखबीर होने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में लीगल एक्शन लिया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, पिछले साल बस्तर क्षेत्र के बीजापुर सहित सात जिलों में माओवादी हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में 68 आम लोगों की जान चली गयी।
गुरुवार को बीजापुर में मारे गए 12 नक्सली
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजापुर जिले में गुरुवार को मारे गए 12 नक्सली बस्तर क्षेत्र में माओवादी संगठन की सबसे मजबूत इकाई से जुड़े थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि वे माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक और सेंट्रल रीजनल कमेटी कंपनी के सदस्य थे। पीएलजीए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सशस्त्र शाखा है।
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पुलिस के अनुसार, पीएलजीए बटालियन नंबर एक को आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र में माओवादियों का सबसे मजबूत संगठन माना जाता है और इसका नेतृत्व देवा करता है। इसने पहले भी दक्षिण बस्तर में सुरक्षाकर्मियों पर कई घातक हमले किए हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले इस संगठन का नेतृत्व हिडमा करता था, जिसे बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के खिलाफ कई बड़े हमलों का साजिशकर्ता माना जाता है। (इनपुट – ANI / PTI)