Politics Over Army: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही देश मेंं राष्ट्रवाद की एक अलग लहर चल पड़ी है, पाकिस्तान पर मिली अप्रत्याशित जीत से सभी खुश हैं। हर कोई सेना को सलाम कर रहा है, उनके बलिदान पर नमन भी कर रहा है। लेकिन इसी सेना को लेकर देश में राजनीति भी शुरू हो चुकी है। यह ऐसी राजनीति है जहां पर बदजुबानी का बोलबाला है, जाति-धर्म वाला कार्ड है और अपमान देश की सेना का हो रहा है। बात चाहे विजय शाह की हो, रामगोपाल यादव की हो या फिर जगदीश देवड़ा की, सभी ने ‘लक्ष्मण रेखा’ लांगी है और अब खुद को विवाद में फंसा पा रहे हैं।

विजय शाह ने क्या बोला?

मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार में मंत्री विजय शाह ने इस राजनीति की शुरुआत की थी। ऑपरेशन सिंदूर के कुछ दिनों बाद ही एक कार्यक्रम में उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर ऐसी ‘घटिया’ टिप्पणी की कि सुप्रीम कोर्ट तक तो फटकार लगानी पड़ गई। विजय शाह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, उन्हीं कटे-पिटे लोगों को उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिन्दुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी-तैसी करने के लिए हमारे जहाज से उनके घर भेजा। अब उन्होंने बिना नाम लिए कर्नल सोफिया के धर्म को लेकर टिप्पणी की, ऐसे में सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया।

इस समय विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है, कांग्रेस तो उनके इस्तीफे की भी मांग कर रही है। लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई एक्शन पार्टी स्तर पर नहीं हुआ है। सीएम मोहन यादव ने भी उनका बचाव ही किया है, ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि उनका इस्तीफा लिया जाएगा।

राम गोपाल यादव ने क्या बोला?

सपा नेता और सांसद राम गोपाल यादव ने तो एक कदम आगे बढ़कर विंग कमांडर व्योमिका को लेकर जाति कार्ड खेल दिया। उन्होंने कहा कि ये लोग नहीं जानते कि व्योमिका सिंह कौन हैं, उनकी जाति क्या है, वे नहीं जानते कि एयर मार्शल एके भारती कौन हैं। वरना उन्हें भी गालियां दे रहे होते। व्योमिका सिंह तो हरियाणा की जाटव हैं, एयर मार्शल एके भारती पूर्णिया के यादव हैं। तीनों ही पीडीए सेगमेंट से आते हैं। एक को गाली इसलिए दी क्योंकि वे मुस्लिम हैं, एक को राजपूत समझ लिया और दूसरे की कोई जानकारी ही नहीं है।

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उनके इस बयान पर जमकर बवाल हुआ, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बकायदा एक पोस्ट तक लिखी। सीएम योगी ने कहा कि सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है।

जगदीश देवड़ा ने क्या बोला?

मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी सेना को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि हमारे मन में बहुत क्रोध था, जो पर्यटक वहां गए थे…उन्हें चुन-चुन कर धर्म पूछ करके महिलाओं को एक तरफ खड़ा करके लोगों को गोली मार दी गई। माताओं के सिंदूर को मिटाने का काम जिन आतंकवादियों ने किया…आतंकवादियों को जिन्होंने पाला उनको जब तक नेस्तनाबूनद नहीं कर देंगे तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे…और यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद देना चाहेंगे, पूरा देश और देश की सेना, सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक हैं, उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है, उन्होंने जो जवाब दिया है, इसकी जितनी सराहना की जाए जितना कहा जाए, एक बार उनके लिए जोरदार ताली बजाई जाए।

अब इस बयान पर भी बवाल है, देश की सेना को किसी के चरणों में बता दिया गया है, अभी तक बीजेपी ने इस पर कोई सफाई नहीं दी है, डिप्टी सीएम जरूर कह रहे हैं कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, लेकिन एक और मुद्दा बन चुका है।

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