रियो पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़‍ियों और प्रतिभागियों के सम्‍मान समारोह में केन्‍द्र सरकार के दो मंत्री भिड़ गए। खेलमंत्री विजय गोयल और शहरी विकास राज्‍य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, जो कि पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष भी हैं, के बीच विदेशी दौरे को लेकर वार-प्रतिवार हुए। सिंह पैरालंपिक खेलों के दौरान रियो डि जेनेरो नहीं जा सके थे। अपने भाषण के दौरान, गोयल ने सफाई देने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्‍होंने सिंह के रियो दौरे वाली फाइल क्लियर कर दी थी। हालांकि गाेयल के बाद बोलने पहुंचे सिंह ने साफ कहा कि उन्‍हें पता था खेलमंत्री ने फाइल क्लियर नहीं की है। गोयल ओलंपिक खेलों के दौरान रियो गए थे और वहां उनके दौरे को लेकर काफी विवाद भी मचा था।

रियो 2016 आयोजन समिति की महाद्वीपीय प्रबंधक सारा पीटरसन ने भारतीय दल प्रमुख राकेश गुप्ता को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘हमें आपके खेल मंत्री की कई रिपोर्ट मिली हैं जो स्थलों के मान्यता प्राप्त क्षेत्रों में उन लोगों के साथ घुसने की कोशिश कर रहे हैं जिनके पास मान्यता कार्ड नहीं हैं। जब स्टाफ ने उन्हें यह बताने की कोशिश की कि इसकी अनुमति नहीं है तो मंत्री के साथ लोगों ने आक्रामक और असभ्य व्यवहार करना शुरू कर दिया और कभी कभार उन्होंने हमारे स्टाफ को धक्का भी देने की कोशिश की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप समझ सकते हैं, इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। पिछली चेतावनियों के बावजूद आज भी इसी तरह की घटना जिमनास्टिक स्थल और कैरियोका एरीना 3 में हुई।’’

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सोशल मीडिया पर भी विजय गाेयल की खूब खिंचाई होती रही है। एक बार उन्‍होंने उन्होंने दूती चंद की फोटो को स्रबानी नंदा बताकर शेयर कर दिया था। ट्विटर पर लोगों ने उनकी इस गलती को पकड़ा और फिर उनका खूब मजाक भी उड़ाया। इससे पहले वह जिमनास्ट दीपा करमाकर का नाम भी गलत लिख चुके हैं। उन्होंने दीपा को करमाकर की जगह करमानकर लिखा था। रियो ओलंपिक आयोजन समिति ने विजय गोयल को काफी आक्रामक और अभद्र शख्स बताया था। उन्होंने उनका एक्रीडेशन रद्द करने की धमकी भी दी थी।