जनता के सामने बड़े-बड़े दावे करने वाली बीजेपी को शायद शिवराज सिंह के राज में पुलिसिया बर्बरता दिखाई नहीं पड़ती। यही वजह है कि शर्मसार करने वाली घटना पर खुद सीएम खामोश हैं तो बीजेपी के तमाम नेता और आईटी सेल भी चुप्पी साधे बैठी है। दिल को झकझोर करने वाला ये मामला एक महिला को उसकी बेटी के सामने सड़क पर गिराकर लात और थप्पड़ों से पीटने का है।

घटना सागर जिले की है। महिला का कसूर केवल इतना था कि वो अपनी बेटी के साथ घर के जरूरी सामान खरीदने बाजार गई थी। वो मास्क लगाना भूल गई। बस पुलिस को अपना धर्म याद आ गया। वो पहले महिला को कानूनी भाषा समझाने की कोशिश करती रही। इसी बीच मौके पर मौजूद एक जवान ने उसे पीटना शुरू कर दिया। महिला को बालों से पकड़कर सड़क पर खींचा गया। मोबाइल से बनाए गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस कैसे हैवानों सरीखा बर्ताव कर रही है।

महिला पुलिस के अत्याचार को नहीं सह पाती तो चीखने चिल्लाने लगती है। वो बुरी तरह से रो रोकर मदद की गुहार लगा रही थी। राहगीर भी पुलिस को उसके साथ इस तरह से मारपीट न करने को कहते हैं पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। एक महिला और तीन से चार पुलिस के जवान अपना जोर एक असहाय महिला और उसकी बेटी पर अपने तरीके से आजमाते हैं।

बर्बरता का ये आलम दिखा कि पहले जवान रोती चीखती महिला पर अपना जोर दिखाते हैं। उसके बाद एक महिला कांस्टेबल कानून व्यवस्था को लागू करने का जिम्मा उठाती है। वो बिलखती औरत को पुलिस की गाड़ी में धकेलती है। महिला विरोध करती है तो उसे मार-मारकर सड़क पर गिरा देती है और फिर सड़क पर खींचती है।

मां-बेटी पर हैवानों का कहर लगातार टूटता रहता है। बेटी मां को बचाने के लिए आगे आती है पर उसके साथ भी मां की तरह से मारपीट और धक्कामुक्की की जाती है। वीडियो में दिख रहा है कि लड़की को धक्का मारकर वहां से हटाया जाता है। बेटी मां से दूर जाने से मना करती है तो उसके साथ भी वहीं सलूक होता है।

सोशल मीडिया पर लोग गुस्से से भरे दिखे। उनका कहना था कि कभी स्वास्थ्य आग्रह तो कभी दूसरे मामले पर शिवरात अक्सर नौटंकी करते देखे जाते हैं, लेकिन उन्हें कभी अपनी पुलिस को नसीहत देते नहीं देखा गया। सूबे में लोग कोरोना से त्रहि-त्राहि कर रहे हैं। सरकार उन्हें कोई मदद नहीं कर रही। अलबत्ता लोगों से रामनाम लिखवाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बीजेपी के लोग कोरोना से भी मजाक कर रहे हैं। क्या राम नाम लिखने से कोरोना भाग जाएगा।

अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसे समझाना बेहतर है। लेकिन ये कहां की तुक है कि असहाय रोती बिलखती औरत को लगातार गिरा गिरा कर पीटा जाए। ऐसा मंजर तो महाभारत में द्रोपदी के साथ दिखा था। लोगों का कहना है कि शिवराज वैसे तो बोलने में महारथ हासिल रखते हैं लेकिन अब उनकी जुबान पर ताला क्यों लटक रहा है। हैवान पुलिस वाले अब तक नौकरी में क्यों हैं। क्या ये ही नया भारत है?