लड़ाकू विमान तेजस का नौसेना के लिए विकसित किया गया संस्करण शनिवार को विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर सफलतापूर्वक उतरा। 237 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से INS विक्रमादित्य पर यह विमान उतरा। लड़ाकू विमानों के विकास की दिशा में यह एक बड़ी कामयाबी है।
विमान की लैंडिंग में शामिल सेना के अधिकारियों ने बताया कि कि इस सफल परीक्षण ने भारत को उन कुछ गिने चुने देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है, जो पोत पर उतरने में सक्षम लड़ाकू विमान विकसित कर सकते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय लड़ाकू विमान विकास कार्यक्रम के इतिहास में आईएनएस विक्रमादित्य पर विमान का सफलतापूर्वक उतरना ‘‘महत्वपूर्ण अध्याय है।’’
इस सफल परीक्षण के लिए उन्होंने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बधाई दी। विमान वाहक पोत पर उतरने में सक्षम तेजस विकसित करने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), एरोनॉटिकल विकास एजेंसी (एडीए), हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के विमान अनुसंधान एवं डिजाइन केन्द्र और सीएसआईआर सहित विभिन्न एजेंसियों का योगदान रहा है।
Naval version of Indian Tejas fighter achieve maiden deck landing pic.twitter.com/r9nog38QvZ
— Aviation Analysis Wg (@avianalysiswing) January 11, 2020
डीआरडीओ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘समुद्र तट पर स्थित परीक्षण केन्द्र में विस्तृत परीक्षणों के बाद नौसेना के लिए डीआरडीओ, एडीए द्वारा विकसित हल्के लड़ाकू विमान आज पूर्वाहन 10 बज कर दो मिनट पर आईएनएस विक्रमादित्य पर सफलतापूर्वक उतरा।’’ पिछले साल सितंबर में भी गोवा स्थित परीक्षण केन्द्र पर ऐसा परीक्षण किया गया था। हल्के लड़ाकू विमान तेजस का नौसेना संस्करण अभी विकास के चरण में है।