भारत की आर्थिक स्थिति पर ‘न्यूज 18 इंडिया’ पर लाइव डिबेट चल रहा था। इसमें अन्य विशेषज्ञों के अलावा बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और भाकपा नेता दिनेश वार्ष्णेय भी शिरकत कर रहे थे। वामपंथी नेता ने डब्ल्यूईएफ फोरम को लुटेरों का जमावड़ा कह दिया। संबित पात्रा के बोलने के क्रम में दिनेश भी लगातार बोले जा रहे थे। इससे भड़के संबित ने भाकपा नेता से कहा, ‘जो लोग सत्ता से बाहर हैं वे इसी तरह की बात करेंगे। आप चुपचाप बैठ जाइए…इसको प्रोफेसर कौन बनाया रे बाबा। इनका स्वेटर उतार कर इनको पत्ता पहनाइए। चश्मा उतारिये और हरा-हरा पत्ता पहनकर बैठिए। आप तो बेहद अनुशासनहीन प्रोफेसर हैं।’ इसके साथ ही भाजपा प्रवक्ता ने आर्थिक क्षेत्र में भारत की प्रगति का भी उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने कई रेटिंग एजेंसियों का उदाहरण भी दिया। संबित पात्रा ने कहा कि देश सही हाथों में है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ, दावोस) के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को निवेश के लिए सबसे बेहतरीन देश बताया था। उन्होंने दुनिया भर के निवेशकों को भारत में आने का न्यौता भी दिया था।
संबित और दिनेश वार्ष्णेय के अलावा पैनल में कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह और अर्थशास्त्री सुनील अलघ भी शामिल थे। डिबेट में संबित कहा कि देश सही हाथों में है, ब्लड प्रेशर बढ़ाने की जरूरत नहीं है। इस बीच, भाकपा नेता ने भारत की आर्थिक प्रगति के आंकड़ों को सिरे से खारिज कर दिया। जब उनसे वाम सरकार की उपलब्धियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने त्रिपुरा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में जमीन विवाद सुलझा लिया गया है और शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गई है। सुनील अलघ ने डब्ल्यूईएफ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की-नोट भाषण देने को उपलब्धि करार दिया। हालांकि, उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को ठीक नहीं माना। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में सबकुछ ठीक नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा है कि अभी बहुत कुछ करना है।’ भाकपा नेता के विरोध को देखते हुए सुनील अलघ ने कहा कि कम से कम एक दिन के लिए तो इंडिया की प्राइड के लिए बोलना चाहिए।