उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि वह लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को पत्र लिखकर अपनी उम्मीदवारी पर विचार करने का आग्रह करेंगे। सुदर्शन रेड्डी ने मुंंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा करने का अवसर मिला तो वह संविधान की रक्षा करेंगे।
इससे पहले दिन में सुदर्शन रेड्डी ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राकांपा (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने नौ सितंबर को होने वाले चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है।
वाम दलों ने सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी का समर्थन किया
वाम दलों ने शुक्रवार को एक संयुक्त अपील जारी कर उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष समर्थित उम्मीदवार के रूप में बी सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी का समर्थन किया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने संयुक्त रूप से अपील जारी की।
उन्होंने कहा, “हम वामपंथी दल न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी (सेवानिवृत्त) की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं, जो सभी विपक्षी दलों की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा, “न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी एक प्रख्यात विधिवेत्ता हैं, जिन्हें भारतीय संविधान के मूल मूल्यों -लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समानता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए बेहद सम्मान की नजरों से देखा जाता है।”
वामपंथी दलों ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव सिर्फ़ संख्याबल का मामला नहीं है। उन्होंने कहा, “यह भारत के भविष्य पर दो मौलिक रूप से भिन्न दृष्टिकोणों के बीच मुकाबले का प्रतिनिधित्व करता है – क्या हमारा राष्ट्र धर्मनिरपेक्षता को कायम रखते हुए एक संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में बना रहेगा, या एक हिंदुत्ववादी सत्तावादी राष्ट्र बनकर रह जाएगा।” (भाषा)
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