उपराष्ट्रपति पद चुनाव में इस बार मुकाबला एनडीए के सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच देखने को मिलेगा। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन 68 साल के हैं तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुर्दशन रेड्डी की उम्र 79 वर्ष है। माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन आराम से जीत के लिए जरूरी वोट हासिल कर लेंगे।
जनसत्ता डॉट कॉम की इस खबर में आपको पिछले पांच उपराष्ट्रपति चुनावों के बारे में जानकारी मिलेगी। इन सभी चुनावों में सत्ताधारी दल द्वारा उतारे गए प्रत्याशी को जीत हासिल हुई। मोहम्मद हामिद अंसारी इकलौते उपराष्ट्रपति ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो लगातार दो बार चुने गए।
साल 2002 में भैरों सिंह शेखावत चुने गए उपराष्ट्रपति
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे भैरों सिंह शेखावत साल 2002 में उपराष्ट्रपति चुने गए। तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारी थी। भैरों सिंह शेखावत ने इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार शिंदे को चुनाव मे हराया। भैरों सिंह शेखावत बीजेपी से जुड़े पहले ऐसे व्यक्ति थे, जो देश के उपराष्ट्रपति बने। वह साल 2007 में प्रतिभा पाटिल के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़े लेकिन हार गए।
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2007 से 2017 तक उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी
साल 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी और 2007 में उपराष्ट्रपति चुनाव हुए। इस चुनाव में यूपीए की तरफ से हामिद अंसारी को प्रत्याशी बनाया गया। उन्होंने बीजेपी की नजमा हेपतुल्ला और सपा के राशिद मसूद को चुनाव में हराया है। हामिद अंसारी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हैं। इसके बाद हामिद अंसारी साल 2012 में भी यूपीए द्वारा प्रत्याशी बनाए गए, इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के यशवंंत सिंह को हराया।
2017 में वेंकैया नायडू ने जीता उपराष्ट्रपति चुनाव
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। साल 2017 में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने बीजेपी के सीनियर नेता वेंकैया नायडू को प्रत्याशी बनाया। उन्होंने इस चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को हराया। वेंकैया नायडू बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
2022 में जगदीप धनखड़ बने उपराष्ट्रपति
साल 2022 में हुए एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ को प्रत्याशी बनाया गया। उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में यूपीए की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया। जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उन्होंने इस साल 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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