उपराष्ट्रपति चुनाव अब कल की बात हो चुकी है लेकिन इस चुनाव पर चर्चा अब भी जारी है। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने यूपीए के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को हराया। इस चुनाव का उपयोग बीजेपी ने अपने साथी दलों के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुजाने के लिए भी किया।
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच आए दिन तनाव की खबरें आती हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रीय नेतृत्व यह सुनिश्चित करता दिखा कि उसके गठबंधन सहयोगी को खुश रखा जाए। बीजेपी नेतृत्व ने शिवसेना सांसद और महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के लिए समर्थन जुटाने के लिए चुना था।
द इंडियन एक्सप्रेस को बीजेपी के अंंदरूनी सूत्रों ने बताया कि श्रीकांत शिंदे के सभी जिनके सभी दलों में दोस्त हैं, उन्होंने न सिर्फ एनडीए को एकजुट रखा, बल्कि वे महाराष्ट्र से सीपी राधाकृष्णन के लिए कुछ अतिरिक्त वोट भी हासिल करने में सफल रहे।
राधाकृष्णन से मिले बी सुदर्शन रेड्डी
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने बुधवार को नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी। उन्होंने महाराष्ट्र सदन में राधाकृष्णन से मुलाकात की। बी सुदर्शन रेड्डी ने NDA के उम्मीदवार राधाकृष्णन के खिलाफ संयुक्त विपक्षी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले, वहीं राधाकृष्णन 452 वोट पाकर विजयी हुए। उन्होंने अपनी हार के बाद कहा था कि वह इस परिणाम को विनम्रतापूर्व स्वीकार करते हैं, लेकिन उनका वैचारिक संघर्ष आगे और भी जोरदार ढंग से जारी रहेगा।
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