Vice President Election: 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है और अनुमान है कि उसी दिन गिनती होने के बाद नतीजे भी आ जाएंगे। एनडीए की तरफ से महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उतारा है, जबकि इंडिया गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है। इस चुनाव के जरिए कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन करने की प्लानिंग कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले सोमवार शाम को संसद भवन में इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए डिनर रखने वाले हैं।
इस डिनर पार्टी में ही बैठक करके विपक्षी गठबंधन के नेता एकता दिखाने के प्रयास करेंगे। विपक्ष यह दिखाने की प्लानिंग करेगा कि वे बी सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में एकजुट है। खास बात यह है कि AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुदर्शन रेड्डी ने भी समर्थन कर दिया है। ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा था कि तेलंगाना के सीएम ने आज मुझसे बात की और अनुरोध किया कि हम उपराष्ट्रपति पद के लिए न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करें। एआईएमआईएम, जस्टिस रेड्डी, जो एक हैदराबादी और सम्मानित न्यायविद हैं, उन्हें अपना समर्थन देगी।
यह भी पढ़ें: पंजाब में राजनीतिक विस्तार की उम्मीद कर रही BJP? समझिए बाढ़ में राहत पर ताकत झोंकने का प्लान
दो प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला
बता दें कि 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया था। उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सांसद होते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा शासित होता है। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक 9 सितंबर को वोटिंग होनी हैं, जिसमें मुख्य दावेदारी सीपी राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है।
यह भी पढ़ें: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने दिया इस्तीफा, जानिए इसके पीछे की वजह
क्या है एनडीए और इंडिया का चुनावी गणित?
चुनाव के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 782 सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं, जिसमें 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा के हैं। चुनाव में बहुमत के लिए 392 सांसदों की जरूरत होगी। इसमें मूल रूप से सरकार के पक्ष में 427 सांसदों के समर्थन का दावा है, जिसमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं।
इसके इतर विपक्ष के पास 355 सांसदों का गणित है।इसमें 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। हालांकि, इनमें से 133 सांसदों का समर्थन अभी भी तय नहीं है जो इस चुनाव के फैसले में निर्णायक साबित हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि 9 सितंबर को नतीजों में सियासी समीकरण क्या होते हैं।
यह भी पढ़ें: ‘मोदी जी हिम्मत दिखाओ, अमेरिका पर लगाओ 75% टैरिफ’, केजरीवाल ने की प्रधानमंत्री से बड़ी मांग