विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) ने अयोध्या विवाद के समाधान के लिए मस्जिद और मंदिर दोनों बनाने के नये प्रस्ताव को खारिज कर दिया और संगठन ने सुझाव को ‘‘मानसिक दिवालियापन’’ करार देते हुए इसमें षड्यंत्र होने की बात कही।

विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र कुमार जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहली बार इस तरह का प्रस्ताव नहीं आया है। इस तरह का षड्यंत्र कभी नहीं हो सकता। मंदिर और मस्जिद एक साथ बनाने की बात सोचना मानसिक दिवालियापन है।’’

बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य वादी हाशिम अंसारी की तरफ से इस नयी पहल की तरफ ध्यान दिलाए जाने पर उन्होंने यह बात कही।

अंसारी ने अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास से मुलाकात की ताकि अयोध्या विवाद के समाधान के प्रस्तावों पर चर्चा की जा सके और इसे उच्चतम न्यायालय के समक्ष रखा जा सके।

अयोध्या के मशहूर हनुमान गढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी ज्ञान दास के मुताबिक अदालत के बाहर समाधान के फार्मूले में 70 एकड़ के विवादित परिसर में मस्जिद और मंदिर दोनों बनाए जाने की बात है जो सौ फुट ऊंची दीवार से अलग होंगे।

जैन ने कहा कि प्रस्ताव खुद में न्यायपालिका का ‘‘अपमान’’ है क्योंकि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि मंदिर को ढहाकर मस्जिद का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग कानून नहीं जानते। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’’

हिंदू संगठनों के ‘घर वापसी’ कार्यक्रम का बचाव करते हुए उन्होंने इसे ‘‘घृणा के विषाणुओं को मारने के लिए टीकाकरण’’ की तरह का अभियान बताया। साथ ही उन्होंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाए जाने का भी समर्थन किया ।