जनगणना के आंकड़ों को ‘‘भयावह’’ और ‘‘गहरी चिंता उत्पन्न करने वाले’’ करार देते हुए विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया कि देश की जनसंख्या नियंत्रित करने में अन्य समुदायों के प्रयासों के साथ सहयोग करने के बजाय मुस्लिम इसे अपनी आबादी बढ़ाने का ‘‘अभियान’’ बना रहे हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अल्पसंख्यक समुदाय पर ‘‘आबादी जिहाद’’ छेडने का आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

विहिप के रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि हिंदुत्व संगठन के ‘केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल’ ने कुल आबादी में हिंदुओं की संख्या 80 फीसदी से कम हो जाने को ‘‘गहरी चिंता का विषय’’ करार दिया और कहा कि ‘‘यह देश की एकता और अखंडता पर मंडराते खतरे का संकेत है।’’

बयान में कहा गया है ‘‘यह बिल्कुल साफ है कि देश में अन्य समुदाय जनसंख्या नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन मुस्लिम समुदाय सहयोग करने के बजाय इसे अपनी आबादी बढ़ाने के अभियान के तौर पर ले रहा है जो चिंताजनक है…..मुस्लिमों की संख्या में 24 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि हिंदुओं की संख्या में वृद्धि केवल 7.5 फीसदी है। सभी राज्यों को एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाना चाहिए।’’

समूह की महाराष्ट्र के त्रयंबकेश्वर में बैठक हुई जिसमें संतों और धर्माचार्यों ने हिस्सा लिया। त्रयंबकेश्वर में कुंभ मेला चल रहा है। बयान में कहा गया है ‘‘बैठक में, संतो ने जनसंख्या के आंकड़ों की भयावहता पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और कहा कि हिंदुओं की आबादी 80 फीसदी से कम हो जाना गहरी चिंता का विषय है।’’

बैठक में केंद्र से गौवध पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाने का आह्वान भी किया गया। संतों ने हिंदुओं से दूसरों के खिलाफ भेदभाव जैसी ‘‘घृणित’’ प्रथा को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘‘हम हिंदू एक हैं और कोई भी हिंदू अस्पृश्य नहीं है।’’