Andhra Stampede News: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम स्थित काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार को एकादशी के दौरान भगदड़ मचने से 9 लोगों की मौत हो गई। इसमें तेक्काली मंडल के रामेश्वर गांव की हाल ही में विधवा हुई एडुरी चिन्नमा भी शामिल हैं। वह जब तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में जाकर अपने बाल मुंडवाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं जुटा सकी, तो वह काशीबुग्गा में श्री वेंकटेश्वर मंदिर चली गई। उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वहां उसकी जान चली जाएगी।

एडुरी चिन्नमा के पारिवारिक मित्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “जब उसने हमारी मदद करने से इनकार कर दिया, तो किसी ने उसे कार्तिक एकादशी के पावन अवसर पर काशीबुग्गा मंदिर जाने का सुझाव दिया। उसने दर्शन होने तक उपवास रखने का निश्चय किया था और कतार में लगने तक उसे कमजोरी महसूस होने लगी होगी। वह उन तीन-चार महिलाओं में शामिल थी जो रेलिंग टूटने से गिर गईं और कुचली गईं।”

ज्यादातर पीड़ित गरीब पृष्ठभूमि से

एडुरी चिन्नमा के पति ड्राइवर और खेतिहर मजदूर थे। ज्यादातर पीड़ित गरीब पृष्ठभूमि से थे। इनमें फल, सब्जी बेचने वाले, किराने की दुकान के मालिक, खेतिहर मजदूर, ड्राइवर और निर्माण मजदूर शामिल थे। पलासा के तहसीलदार और मंडल राजस्व अधिकारी कल्याण चक्रवर्ती ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “इस मंदिर में आने वाले भक्त काशीबुग्गा, पलासा, टेक्कली, मंदसा, सोमेपेटा और आसपास के इलाकों से आते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “मौसम के हिसाब से, वे खेतिहर मजदूर, निर्माण मजदूर, किराए पर ऑटो रिक्शा चलाते हैं या छोटी-मोटी किराना दुकानें चलाते हैं। वे जीविका चलाने के लिए संघर्ष करते हैं। पिछले 3-4 महीनों में, काशीबुग्गा स्थित भगवान वेंकटेश्वर का यह मंदिर उनके लिए एकांत स्थान बन गया है। यहां भी, उन्होंने तिरुमाला जाने का मोक्कु (व्रत) लिया और न जा पाने की क्षमा मांगी।”

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इनमें तेक्काली के पित्तलासरी गांव की रापाका विजया भी शामिल थीं। वे सब्जी और फल बेचती हैं और पारिवारिक स्थिति के कारण तिरुमला की यात्रा छूट जाने के बाद अपने पति के साथ मंदिर गई थीं। परिवार के एक सदस्य के अनुसार, दूसरी कतार में इंतजार कर रहे राव ने विजया तक पहुंचने की कोशिश की, तभी वे गिर गईं, लेकिन इस दौरान उनका बैलेंस बिगड़ गया। वह बच गया और उसका इलाज चल रहा है, जबकि विजया की अस्पताल में मौत हो गई।

मुरीपिंती नीलिमा और दुव्वु राजेश्वरी, वज्रपुकोट्टुरु मंडल के दुक्कावनिपेटा गांव में एक ही गली में छोटी-छोटी किराने की दुकानें चलाती थीं। गांव के एक अधिकारी के अनुसार, कई ग्रामीणों ने काशीबुग्गा मंदिर जाने की योजना बनाई थी और ये दोनों महिलाएं भी उनके साथ शामिल हो गईं, क्योंकि वे 30 सालों से तिरुमला नहीं गई थीं। उनके पति वहीं रुक गए।

अन्य पीड़ितों में ये भी शामिल

अन्य पीड़ित लोगों में चिन्नी उआसोदम्मा, जी. रूपा, लोटला निहिल, डोक्कारा अमुलम्माऔर बोरा ब्रुंडा भी सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों से थे। एक अधिकारी ने बताया, “मौसम के हिसाब से, वे श्रीकाकुलम तट के पास मछली पकड़ने और थोक में मछली बेचने के बजाय स्थानीय बाजारों में सब्जियां या प्लास्टिक का सामान बेचने लगते हैं।”

टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा श्रीकाकुलम के जिला कलेक्टर स्वप्निल दिनकर और एसपी केवीएम रेड्डी से यह पूछे जाने के बाद कि वे बड़ी संख्या में लोगों के आने का अनुमान लगाने में कैसे चूक गए और भीड़ कंट्रोल के उपाय क्यों नहीं किए गए, इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है।

तीन सदस्यों की टीम का गठन

जिला कलेक्टर ने गहन जांच करने और तुरंत रिपोर्ट सौंपने के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। तेक्काली राजस्व विकास अधिकारी एम. कृष्णमूर्ति, श्रीकाकुलम के असिस्टेंट एसपी केवी रमण और धर्मस्व विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर प्रसाद पटनायक इस दल का हिस्सा हैं, साथ ही स्थानीय पुलिस और अन्य अधिकारी भी जांच में सहयोग कर रहे हैं।