कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि पहले की यूपीए सरकार का भूमि अधिग्रहण कानून त्रुटिपूर्ण था और इससे देश की सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता था और महत्त्वपूर्ण सामरिक सूचनाएं पाकिस्तान को मिल सकती थीं। उधर, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भूमि अधिग्रहण सहित किसी भी अध्यादेश पर पीछे हटने का सवाल नहीं है।

जेटली ने राज्यसभा में कहा कि यूपीए सरकार का भूमि कानून त्रुटिपूर्ण था और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा था। उन्होंने कहा कि इसका देश की सुरक्षा पर काफी असर हो सकता था और सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थापना में विलंब हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसमें सुधार किया है। वे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे। जेटली ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने रक्षा और सुरक्षा को अत्यावश्यक श्रेणी में रखा लेकिन भूमि अधिग्रहण के लिए छूट वाली श्रेणी में डालना भूल गए। उन्होंने कहा कि इस वजह से रणनीतिक प्रवृत्ति वाली परियोजनाओं में ग्रामीणों की सहमति, स्थान और परियोजना के प्रकार का खुलासा करने की जरूरत बनी रही। इससे इस प्रकार की सूचना पाकिस्तान तक पहुंचने की आशंका बनी रहती।

उधर, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद के बाहर कहा कि किसी भी अध्यादेश पर पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। चाहे वह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश हो या कोयला, चाहे वह खान और खनिज अध्यादेश हो या ई-रिक्शा। इन सभी अध्यादेशों पर कदम आगे बढ़ाया जाएगा और फिर हम चाहते हैं कि संसद इन पर चर्चा कर फैसला करे। उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा के बाद इन्हें लाया जाएगा और कार्य मंत्रणा समिति समय के बारे में फैसला करेगी।

नायडू ने कहा – जैसा कि सरकार ने बुधवार को कहा था, वह अर्थपूर्ण सुझावों को लेकर खुला रुख अपनाएगी। फिर उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां तक विधेयक के मुख्य उद्देश्य का प्रश्न है, सरकार भूमि अध्यादेश को विधेयक में तब्दील कराने को लेकर आगे बढ़ेगी। कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा कि इस मुद्दे पर एक गलत जानकारी फैलाने का अभियान चलाया गया है।