केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस साल अप्रैल से ही परिवहन से जुड़े अहम दस्तावेजों के रिन्यूअल की तारीख बढ़ा दी थी। पहले इसे जून के अंत तक बढ़ाया गया था, हालांकि, कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए इसे दिसंबर अंत तक कर दिया गया था। अब नए साल से पहले सरकार की तरफ से गाड़ी के दस्तावेजों की वैधता से जुड़ा कोई ऐलान नहीं किया गया है। ऐसे में लोगों को अपने वाहन का बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन से जुड़े सभी दस्तावेजों को 31 दिसंबर तक रीन्यू कराना होगा।
पुराने दस्तावेजों की वैधता न बढ़ा पाने पर वाहन मालिकों को 1 जनवरी से भारी पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले जिन दस्तावेजों की वैधता की अवधि बढ़ायी गई थी, उनमें मोटर वाहन कानून के तहत आने वाले फिटनेस सर्टिफिकेट, सभी प्रकार के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन या दूसरे जरूरी दस्तावेज शामिल थे।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 में दस्तावेजों की वैधता अक्टूबर में बढ़ाई गई थी। ऐसे में आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस भी इसके दायरे में थे। कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार इन दस्तावेजों के रिन्यूअल की तारीख फरवरी तक बढ़ा सकती है। हालांकि, अब तक इस बारे में कोई ऐलान नहीं हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्यिक वाहन मालिकों ने सरकार को सुझाव दिया है कि वे कोरोना के चलते कुछ परेशानियों का सामना कर रहे हैं और साथ ही बड़ी संख्या में वाहन सड़कों से दूर हैं। इनमें वे बस भी शामिल हैं, जो स्कूल सेवा में लगाई जाती हैं। पर स्कूल के चालू होने तक इनका सड़क पर आना मुमकिन नहीं। ऐसे में सरकार को परिवहन दस्तावेजों की वैधता बढ़ानी चाहिए।