Vande Bharat: तिरुनेलवेली-चेन्नई वंदे भारत ट्रेन में एक यात्री दिए गए सांभर में कीड़े मिले। इसका वीडिया वायरल होने बाद दक्षिण रेलवे ने शनिवार को जांच के आदेश दिए हैं। जांच में पता चला कि यह खाना तिरुनेलवेली बेस किचन द्वारा सप्लाई किया गया था, जिसका प्रबंधन वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स द्वारा किया जाता है। इसके बाद रेलवे ने फूड प्रोडक्ट्स पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
वीडियो में यात्री कह रहा है कि वह सुबह 6 बजे तिरुनेलवेली से ट्रेन में चढ़ा। यात्रियों को सुबह 7.30 बजे इडली, सांभर, चटनी, वड़ा और मिठाई वाला नाश्ता दिया गया। जब उसने सांभर में कीड़े तैरते हुए देखे, तो उसने ट्रेन के चालक दल के सदस्यों से शिकायत की, जिन्होंने यात्रियों को खाना वितरित किया। चूंकि चालक दल के सदस्य तमिल नहीं समझते थे, इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया गया।
यात्री ने कहा, “शुरू में अधिकारियों ने तर्क दिया कि यह जीरा है। लेकिन हमने उन्हें कीड़े के पैर दिखाए। उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन हम समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे। जब वे भोजन के लिए प्रति यात्री 200 रुपये लेते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परोसा जाने वाला भोजन अच्छी गुणवत्ता का हो।
यात्री ने साथी यात्रियों की मदद से पूरी घटना का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं तथा कैटरर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्मान भी लगाया गया है। अधिकारियों ने डिंडीगुल स्टेशन पर वैकल्पिक भोजन की भी पेशकश की थी, जिसे यात्री ने अस्वीकार कर दिया।
तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने भी इस घटना को उठाया था। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए एक्स पर लिखा, “यात्रियों ने स्वच्छता और आईआरसीटीसी की जवाबदेही पर चिंता जताई है। इसे दूर करने और प्रीमियम ट्रेनों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?”
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रेलवे ने शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “तत्काल जांच की गई”। बयान में कहा गया कि खाने की जांच के लिए बेस किचन में तिरुनेलवेली के खाद्य सुरक्षा अधिकारी, स्वास्थ्य निरीक्षक और मुख्य वाणिज्यिक निरीक्षक द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया। खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए गए और जांच के लिए भेजे गए।
वंदे भारत ट्रेन में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है । कुछ महीने पहले, एक यात्री ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उसे ट्रेन में परोसे गए खाने में कॉकरोच मिला था। मध्यम दूरी की सुपरफास्ट एक्सप्रेस सेवा वंदे भारत ट्रेनें सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का हिस्सा हैं। रेल मंत्रालय के अनुसार, ये ट्रेनें अपनी तेज़ रफ़्तार, बेहतर सुरक्षा मानकों और विश्व स्तरीय सेवा के लिए जानी जाती हैं।