कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका बचाव किया है। गहलोत का कहना है कि सरकार इस मामले को जानबूझ कर उछाल रही है। गहलोत का वाड्रा के बचाव में उतरना भाजपा को रास नहीं आया। उनका कहना है कि गहलोत के वाड्रा का बचाव करने से ही लगता है कि दाल में कुछ काला है।
गहलोत ने यहां फिर कई मामलों में भाजपा सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि वाड्रा मामले को भाजपा महज इसलिए उछाल रही है क्योंकि वे सोनिया गांधी के दामाद हैं। सरकार यह तो बताए कि इसमें गलती क्या हुई है।
गहलोत ने कहा कि वे एक साल से कह रहे हैं कि वाड्रा, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह और उनके बेटे वैभव गहलोत को लेकर उठे मामलों की हाई कोर्ट के मौजूदा जज से जांच करवा ली जाए। इससे ही पोल खुल जाएगी और वास्तव में किससे गलती हुई है। गहलोत का कहना है कि उनके कहने के अपने मायने है, सरकार क्यों नहीं समझ रही है। वाड्रा मामले में जिस जमीन का जिक्र आता है वो 2006 में भाजपा शासन में दी गई थी।
वाड्रा का बचाव करने पर प्रदेश भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की घेराबंदी करने की कोशिश की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि लगता है कि गहलोत का किसानों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने यहां कहा कि भाजपा ने इस मामले को कांग्रेस शासन के दौरान भी जोर शोर से उठाया था। वाड्रा ने गरीब किसानों की जमीन लेकर भारी मुनाफा कमाया है।
उनका राजस्थान से भी कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद गहलोत वाड्रा का साथ दे रहे हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कैलाश नाथ भट्ट ने भी इस मामले में गहलोत के रवैये की आलोचना की। भट्ट का कहना है कि गहलोत सरकार के समय वाड्रा की कंपनियों ने नियमों की धज्जी उड़ाते हुए किसानों की जमीन खरीद कर उन्हें भारी मुनाफे में बेचा। इसको लेकर भाजपा ने उस दौरान भी आरोप लगाए थे। उनका कहना है कि गहलोत ने अपने पांच साल के शासन के दौरान दुष्यंत सिंह पर लगे आरोपों की जांच क्यों नहीं करवाई।