कोरोना से जंग में एक वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। डीसीजीआई (DCGI) ने कोर्बेवैक्स को बूस्टर डोज के रूप में उपयोग करने की मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन को बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने बनाया है।
वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने इस मंजूरी की जानकारी दी है। हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल और वैक्सीन कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा- “हम इस मंजूरी से बहुत खुश हैं, जो भारत में कोविड -19 बूस्टर खुराक की आवश्यकता को पूरा करेगा। हमने अपनी कोविड-19 टीकाकरण यात्रा में एक और मील का पत्थर पार कर लिया है।”
हाल ही में, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने डीसीजीआई को अपना परीक्षण डेटा सौंपा था। जिसके बाद यह मंजूरी मिली है। इन परीक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि कॉर्बेवैक्स बूस्टर खुराक काफी इफेक्टिव है।
इससे पहले डीसीजीआई ने अप्रैल के अंत में 5 से 12 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी। तब तक यह टीका 12-14 आयु वर्ग के लोगों को दिया जाता था। हाल ही में बायोलॉजिकल ई ने प्राइवेट टीकाकरण केंद्रों के लिए कॉर्बेवैक्स की कीमत 840 रुपये प्रति खुराक से घटाकर 250 रुपये कर दी थी। अब तक भारत में बच्चों को कॉर्बेवैक्स की 51.7 मिलियन खुराक दी जा चुकी है, जिसमें से 17.4 मिलियन बच्चों को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।
वैक्सीन की दूसरी खुराक देने के छह महीने बाद कॉर्बेवैक्स बूस्टर दिया जा सकता है। अभी तक बूस्टर डोज अनिवार्य रूप से उसी टीके का होना था जो पहले और दूसरे शॉट में दिया गया था। इस वैक्सीन के लिए भी कोविन के जरिए स्लॉट बुक किया जा सकता है। अब तक इस कंपनी ने केंद्र को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति की है।
बता दें कि देश के कुछ राज्यों में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में भारत ने 3962 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 26 लोगों की मौत हो गई है।