Uttrakhand News: उत्तराखंड में भारी बारिश और सैलाब के अब बाद घरों की दीवारों और फर्श से निकलकर रहा पानी मुसीबत बन गया है। ऋषिकेश में ऊपरी गंगानगर क्षेत्र के निवासियों ने बताया कि बारिश के बाद उनके घरों के फर्श से ज़मीन से पानी निकल रहा है। इसी तरह के मामले देहरादून से लगभग 40 किमी दूर स्थित रायवाला क्षेत्र में भी सामने आए हैं, जहां 20 परिवारों ने भी दावा किया कि उनके घरों की दीवारों और फर्शों में दरारें आ गई हैं।

क्या कह रहे है स्थानीय निवासी? 

गंगानगर के रहने वाले दिनेश ने कहा, “यह बारिश या बाढ़ का पानी नहीं है बल्कि साफ पानी है जो दरारों से रिस रहा है। हमारी गली में कम से कम चार घर इस समस्या का सामना कर रहे हैं और हम चिंतित हैं क्योंकि यहां घरों की नींव कमजोर हो रही है।” अधिकारियों के मुताबिक दोनों क्षेत्र गंगा नदी के किनारे मौजूद, जहां भूजल स्तर आमतौर पर ऊंचा रहता है, और क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण स्तर में और वृद्धि हो सकती है। 

जबकि पर्यावरणविद इसे लेकर गहरी चिंता जताते हुए कहते हैं कि यह एक गंभीर समस्या है। ऐसा ही जोशीमठ में भी सामने आया था। एक्स्पर्ट्स का कहना है कि सभी प्रकार के अतिक्रमणों हटाया जाना चाहिए। विशेषज्ञों ने बताया कि नदियों और उनकी सहायक नदियों के प्राकृतिक मार्ग पर अतिक्रमण किया गया है जो इस अजीब समस्या का कारण हो सकता है।

गंगा और यमुना तलहटी कस्बों से होकर बहती हैं और इन क्षेत्रों में लगातार निर्माण के कारण नदियों के रास्ते सभी प्रकार के अतिक्रमणों को प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाना चाहिए।

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के एक वैज्ञानिक ने कहा, “इस स्थिति के पीछे भारी बारिश के कारण ये रिसाव हो सकता है।”

र ऋषिकेश के एसडीएम योगेश मेहरा ने कहा, “ऋषिकेश सहित पूरे क्षेत्र में हमने जल-जमाव वाले क्षेत्रों में 16 से अधिक जल सक्शन पंप स्थापित किए हैं और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से और अधिक जल पंपों की मांग की है। प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जा रहा है।”