उत्तराखंड में पिछले कुछ समय में लव जिहाद के मामले सामने आए हैं, इसी वजह से पुलिस ने अब अलग दिशा में अपनी जांच को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसी वजह से उत्तराखंड पुलिस अब उन लोगों के पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड खंगाल रही है जिन्होंने राज्य में इंटर कास्ट मैरेज की थी।
पुलिस ने इस फैसले को लेकर बताया है कि 13 जिलों के एसएसपी और एसपी को एक पत्र लिखा जा चुका है। जोर देकर कहा गया है जो भी कानून को तोड़ेगा, फिर चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों ना हो, उसके खिलाफ एक्शन जरूर लिया जाएगा। यहां ये समझना जरूरी है कि उत्तराखंड में साल 2018 में उत्तराखंड धर्म की स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम लाया गया था। इसके तहत अगर कोई दूसरे धर्म में शादी भी करता है तो उसे एक महीने पहले वहां के डीएम को सूचित करना होगा।
ऐसे में अब जिन भी लोगों ने ऐसा नहीं किया है, उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात हो रही है। वैसे उत्तराखंड में जबरदन धर्म परिवर्तन करवाने को लेकर कठोर सजा का पहले से ही प्रावधान है। इसके तहत अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे 10 साल की जेल सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा।
अब इसी कड़ी में उत्तराखंड पुलिस को ये जांच करनी है कि जिन भी लोगों की इंटर कास्ट शादी हुई थी, क्या उन्होंने अपना धर्म तो नहीं बदला था। पुलिस ने इस बात पर भी जोर दिया है कि दोषी पाए जाने पर उसे सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वैसे इस समय कई दूसरे राज्यों में भी अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सरकारें सख्त हो रही हैं। फिर चाहे वो गुजरात हो, मध्य प्रदेश हो या हो राजस्थान।