Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित टनल से रेस्क्यू किए गए सभी 41 मजदूर इस समय डॉक्टर्स की निगरानी में हैं। उन्हें टनल से करीब 30 किमी दूर चिन्यालीसौड़ स्थित CWC में रखा गया है। मंगलवार रात टनल से रेस्क्यू किए जाने के बाद सभी मजदूरों को यहां लाया गया। देर रात पीएम नरेंद्र मोदी ने भी टेलीफोन पर बहादुर मजदूरों से बात की। उत्तराखंड सरकार की तरफ से इन सभी श्रमिकों के लिए 1 लाख रुपये आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया है। बुधवार सुबह राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे ITBP के सभी जवानों से मुलाकात की और धन्यवाद किया। Uttarakhand Tunnel Rescue से जुड़े तमाम अपडेट्स के लिए आप हमारे इस लाइन ब्लाग के जरिए पा सकेंगे।
एम्स ऋषिकेश के CEO प्रोफेसर मीनू सिंह ने मजदूरों के स्वास्थ्य पर मीडिया के सवाल के जवाब में कहा, "वे बिल्कुल सामान्य हैं, मैं उन्हें मरीज भी नहीं कहूंगी। वे काफी सामान्य महसूस कर रहे हैं, वे बहुत सामान्य व्यवहार कर रहे हैं। उनका रक्तचाप, जीवन शक्ति, ऑक्सीजनेशन - सब कुछ है।"
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग से मंगलवार रात सुरक्षित बचाए गए 41 श्रमिकों में से एक श्रमिक अनिल बेदिया ने बताया कि हादसे के बाद उन लोगों ने अपनी प्यास बुझाने के लिए चट्टानों से टपकते पानी को चाटा और शुरूआती दस दिनों तक मुरमुरे खाकर जीवित रहे।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि मंगलवार रात को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के दौरान उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग के बचाव अभियान का मुद्दा भी आया और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘बहुत भावुक’ थे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पूरी सरकार अभियान में लगी थी और सभी जिंदगियों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि चुनाव प्रचार के बीच में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बचाव अभियान के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य स्रोतों से दिन में कम से कम दो बार जानकारी प्राप्त करते थे।
CWC से सभी 41 श्रमिकों को चिनूक से AIIMS ले जाया गया है।
रैट माइनर वकील ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हमने सुरंग में 18 मीटर पाइप डाला। मैं और मुन्ना पार्टनर हैं। जब हमने श्रमिकों को देखा तो हम इमोशनल हो गए। वो भी भावुक थे। हमने कमिटमेंट पूरा किया। सभी श्रमिक सफलतापूर्वक बाहर आए।
विजय राय ने अपने भांजे के रेस्क्यू पर कहा कि आज का दिन बंपर खुशी का दिन है।
सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि सभी लोग स्वस्थ हैं। उनके परिवार के लोग खुश हैं। पूरे देश ने देखा श्रमिक भाइयों को रेस्क्यू करने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे प्रयास किए गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग से निकाले गए श्रमिकों को आज चॉपर से AIIMS ऋषिकेश शिफ्ट किया जा सकता है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग से निकाले गए श्रमिकों से CWC जाकर मुलाकात की है। इस दौरान उनके साथ कई स्थानीय अफसर मौजूद थे।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग से निकाले गए श्रमिकों से CWC जाकर मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों को मदद के रूप में 1-1 लाख रुपये का चेक भी दिया।
श्रमिकों में से एक ने कहा कि जब सरकार विदेशों में फंसे भारतीयों को बचा सकती है तो वे तो देश के भीतर ही थे और इसलिए उन्हें कोई चिंता नहीं थी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग से मंगलवार रात सुरक्षित बचाए गए 41 श्रमिकों में से एक श्रमिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया कि अपना मनोबल बनाए रखने के लिए वे लोग योग करते थे और सुरंग में चहलकदमी करते थे। श्रमिकों ने बचाव अभियान के लिए प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बचाव टीमों की सराहना की।
हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले श्रमिक विशाल ने ने कहा, "शुरूआती कुछ घंटे मुश्किल थे क्योंकि हमें घुटन महसूस हो रही थी। लेकिन उसके बाद बाहर से लोगों के साथ संपर्क हुआ और फिर धीरे—धीरे सब सामान्य हो गया।"
उत्तराखंड की सुरंग में 16 दिन फंसे रहने के बाद बाहर निकले श्रमिक विशाल ने कहा कि उन्होंने कभी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा था। बाहर आने के बाद हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले श्रमिक विशाल ने सुरंग के बाहर बेसब्री से इंतजार कर रहे अपने परिवार के लोगों से बातचीत की जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया। विशाल ने कहा, ‘‘हमने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी थी.... मैं बिल्कुल ठीक हूं । हम सभी ठीक हैं और मैं उन सभी को धन्यवाद करता हूं जिन्होंने हमें सुरक्षित बाहर निकाला ।’’
इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट आर्नोल्ड डिक्स ने सफल रेस्क्यू के 12 घंटे बाद सुरंग के बाहर बनाए गए मंदिर पर जाकर बाबा बौखनाग के सामने सिर झुकाया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि उत्तराखंड में एक निर्माणाधीन सुरंग के भीतर फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद यह साबित हो गया कि देश अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है और सब कुछ कर सकता है। पटनायक ने बचाव दल को धन्यवाद दिया। पटनायक ने एक बयान में कहा, ‘‘सफल बचाव अभियान के बारे में जानकर मुझे बेहद खुशी हुई। मुझे बहुत खुशी है कि हमारे श्रमिक सुरक्षित घर लौट आएंगे।’’