Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग पूरा गया है। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। NDRF-SDRF की टीम सुरंग के अंदर दाखिल हो गयी है। दो एंबुलेंस भी सिल्कयारा सुरंग के अंदर ले जायी गयी हैं। सोमवार को मलबे को ‘रैट होल माइनिंग’ विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे थे। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही इस सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में बचे 10-12 मीटर के मलबे को साफ करने में ‘रैट होल माइनिंग’ के इन विशेषज्ञों की मदद ली गयी। इससे पहले सुरंग में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के शुक्रवार को मलबे में फंस जाने के बाद बचाव दलों ने वैकल्पिक रास्ता बनाने के लिए रविवार से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की थी। मैन्युअल ड्रिलिंग करते हुए पाइप को पुश किया गया था।
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रेस्क्यू के बाद मजदूरों को 48-72 घंटे तक डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा।
NDMA के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया कि ऑपरेशन पूरा होने में पूरी रात का समय लग सकता है लेकिन बाहर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।
जिला अस्पताल में 30 बेड की फैसिलिटी रेडी है। इसके अलावा सुरंग में 10 बेड की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर 1 या 2 एंबुलेंस में मजदूरों को रात में ही ऋषिकेश ले जाया जा सकता है।
NDMA के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने बताया कि चिनूक हेलीकॉप्टर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर मौजूद है...चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के दौरान नहीं उड़ाएंगे। चूंकि देर हो गई है, मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा।
ऋषिकेश AIIMS को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां 41 बेड का वार्ड और ट्रामा सेंटर रेडी है। जिन मजदूरों की हेल्थ ज्यादा खराब होगी उन्हें ऋषिकेश AIIMS एयरलिफ्ट किया जाएगा। यहां ट्रॉमा सर्जन सहित हार्ट और मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैयार है। ऋषिकेश AIIMS में स्थित हेलीपैड पर एक बार में तीन हेलीकॉप्टर लैंड कर सकते हैं।
अभी हम 58 मीटर पर हैं। अंदर दो मीटर और पुश होना है, तब हम कह सकते हैं कि हम आर-पार हो सकते हैं।
NDMA के सदस्य सैयद अता हसनैन ने कहा कि हम अंत तक सेफ्टी बरतेंगे। हम कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे। मलबे के पार 41 मजदूर हैं और इस तरह बहुत सारे लोग मौजूद हैं।
उत्तरकाशी सुरंग में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम स्टेज में है। मजदूरों का रेस्क्यू करने के बाद सबसे पहले सुरंग में ही चेकअप किया जाएगा। इसके लिए टेंपरेरी मेडिकल फेसिलिटी की व्यवस्था की गई है। हेल्थ टीम ने सुरंग के अंदर डॉक्टर्स को भी तैनात किया है।
एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के MD अक्षत कात्याल ने बताया, "...पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया, एक सफलता हासिल की गई और पाइप आर-पार हो गया है। मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है। कम से कम 3-4 चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जाएगा। NDRF की टीमें अंदर घुस चुकी हैं। रैंप बनते ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा..."
सुरंग में फंसे रांची के एक मजदूर की मां ने कहा कि मेरा बेटा 17 दिनों से सुरंग में फंसा हुआ था। मेरा बेटा जब आएगा तभी मुझे विश्वास होगा। जब तक मैं उसे देख नहीं लूंगी, मैं विश्वास नहीं करूंगी।
सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसा, पाइप से एक-एक करके मजदूरों को निकाला जाएगा। पहले नाजुक हेल्थ वाले मजदूरों को निकाला जाएगा। एक मजदूर को निकलने में करीब 2.5 से चार मिनट लगेंगे। खबर ये भी है कि 14-15 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया गया है।
रेस्क्यू किए जाने के बाद मजदूरों का माला पहनाकर स्वागत किया जाएगा। प्रशासन ने मजदूरों के स्वागत के लिए माला की व्यवस्था कर ली है।
टनल से किसी भी समय मजदूरों को रेस्क्यू किया जा सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन से पहले इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट आर्नोल्ड डिक्स ने मंदिर के बाहर पूजा अर्चना की।
सुरंग में फंसे मजदूर रेस्क्यू किए जाने के बाद चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाए जाएंगे।
सिल्कयारा बचाव स्थल पर पहुंचे उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी सुरंग के अंदर गए। मेडिकल टिम भी सुरंग के अंदर गयी। मजदूरों के परिजनों को सुरंग के बाहर बुलाया गया। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) और पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सिल्क्यारा सुरंग से बाहर आए।
कई एंबुलेंस सिल्कयारा सुरंग में प्रवेश कर रही हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और कई अन्य एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं। सीएम धामी भी बचाव स्थल पर पहुंचे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल पर पहुंचे। सीएम ने कहा, "बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।"
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग पूरा गया है। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। NDRF-SDRF की टीम सुरंग के अंदर दाखिल हो गयी है। दो एंबुलेंस भी सिल्कयारा सुरंग के अंदर ले जायी गयी हैं।
नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के एमडी महमूद अहमद ने कहा, "एसजेवीएनएल द्वारा वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है, कुल 86 मीटर में से 44 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। टीएचडीसी ने आज 7वां विस्फोट किया। इसलिए , हमें 1.5 मीटर और फायदा हुआ। काम जारी है, हमने अपने विभिन्न विकल्पों में से किसी को भी नहीं रोका है। जहां तक मलबे के माध्यम से वर्टिकल ड्रिलिंग का सवाल है, सुरंग के अंदर जो किया जा रहा है वह 55.3 मीटर तक पूरा हो गया है। हम यह कर रहे हैं मैन्युअल ड्रिलिंग के माध्यम से कर रहे हैं। उसके बाद, हम डी-मकिंग करते हैं। पाइप पुशिंग इसके बाद होती है। शायद हमें 5-6 मीटर और काम करने की आवश्यकता होगी। अब हम छोटे लंबे पाइपों में पुश कर रहे हैं। हम देर शाम तक अच्छी खबर की उम्मीद कर रहे हैं।"
सुरंग में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन पर नयी जानकारी सामने आई है। रेस्क्यू टीम गद्दे लेकर सुरंग के अंदर गयी है। एंबुलेंस मौके पर तैनात है। मजदूरों को निकालने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, "हम अभी भी खनन कर रहे हैं। हमें कुछ और मीटर तक जाना है। हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बाकी हैं।"
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रार्थना करने में एक पुजारी के साथ शामिल हुए।
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान के बारे में जानकारी के लिए पीएम ने सीएम को फोन किया। CMOने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिल्क्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री धामी घटनास्थल के निकट स्थित मातली में बनाए गए अस्थाई कैंप कार्यालय से बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। सुबह वह मातली से श्रमिकों का कुशलक्षेम से जानने सिल्कयारा सुरंग में पहुंचे। उन्होंने इस काम में लगे श्रमिकों से वार्ता कर उनका हौसला बढ़ाया एवं राहत तथा बचाव कार्य में जुटे सभी श्रमिकों के काम की सराहना की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अंदर फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम और निरंतर डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों और श्रमिकों के परिवारजनों से उनकी बातचीत करवाने के निर्देश दिए ।
ऑगर मशीन की सहायता से मलबे में पाइप डालने का काम कर रहे ट्रेंचलैस कंपनी के एक श्रमिक ने बताया कि अगर कोई अड़चन नहीं आयी तो शाम तक कोई अच्छी खबर मिल सकती है। बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने स्पष्ट किया कि मौके पर पहुंचे व्यक्ति 'रैट होल' खननकर्मी नहीं है बल्कि ये लोग इस तकनीक में माहिर लोग हैं। उनके अनुसार, इन लोगों को दो या तीन लोगों की टीम में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक टीम कुछ समय के लिए ‘एस्केप पैसेज’ में बिछाए गए स्टील पाइप में जाएगी। 'रैट होल' ड्रिलिंग तकनीक के विशेषज्ञ राजपूत राय ने बताया कि इस दौरान एक व्यक्ति ड्रिलिंग करेगा, दूसरा मलबे को इकटठा करेगा और तीसरा मलबे को बाहर निकालने के लिए उसे ट्रॉली पर रखेगा।
सुरंग में पहाड़ी की चोटी से 1.2 मीटर व्यास वाले पाइप के लिए 43 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम पूरा हो गया है। बाकी काम पूरा होने में 40-50 घंटे और लग सकते हैं. पहाड़ी की चोटी से 8 मिमी व्यास वाले पाइप के लिए 78 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग भी पूरी हो गई है। पाइपलाइन में मामूली समस्या होने के कारण आगे की ड्रिलिंग अस्थायी रूप से रोक दी गई है। सुरंग के अंदर मैन्युअल ड्रिलिंग सुचारू रूप से चल रही है।
उत्तरकाशी में पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी इंजीनियर, विशेषज्ञ और अन्य लोग पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। अभी तक पाइप 52 मीटर अंदर तक चला गया है। जिस तरह से काम चल रहा है, हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही पाइप अंदर जाएगा, मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 57 मीटर के आसपास सफलता मिलेगी। मेरे सामने 1 मीटर पाइप अंदर चला गया था, अगर 2 मीटर और डाला जाए तो इसमें लगभग 54 मीटर होगा। उसके बाद, एक और पाइप का उपयोग किया जाएगा। धामी ने कहा कि पहले स्टील गार्डर पाए जाते थे (ड्रिलिंग के दौरान), यह अब कम हो गया है। अभी, हमें कंक्रीट अधिक मिल रही है।
सिल्कयारा में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। मंगलवार को हालात का उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया।
सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपेरशन की रफ्तार और तेज हो गई है। यह फासला अब केवल 5-6 मीटर का बच गया है। माइक्रो टनल एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने कहा है कि अभी तक 50 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है औ यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं आई थी। यह काफी पॉजिटिव लग रहा है।
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए तीसरी कार्ययोजना पर भी काम हो रहा है। तीसरी कार्ययोजना का इस्तेमाल तब किया जाएगा जब टनल में डाले गए पाइप पुश करने का प्रयास सफल नहीं होगा तो रैट माइनर्स सुरंग में एक से डेढ़ मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग करेंगे। इसके बाद इस स्थान पर एक विशेष सीमेंटिंग स्प्रे किया जाएगा ताकि यहां से मलबा नीचे न गिरे। फिर ड्रिफ्ट बनाने के लिए बाहर पाइप को 10 से 12 इंच के तीन लंबवत टुकडों में काट कर पाइप के भीतर काम कर रहे कार्मिकों तक भेजा जाएगा, जो इन्हें एंगल वेल्ड कर पाइप के अग्रिम सिरे में जोड़ेंगे।