उत्तराखंड के डोईवाला तहसील में मंगलवार को विशेष दाखिला खारिज कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। डोईवाला प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, विशेष कैंप में निर्विवाद 525 वादों और विवादित 3 वादों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा कैंप में ऐसे 71 वादों का भी निस्तारण किया गया, जिनमें भूमि ऐसे लोगों के नाम थी जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

अगला कैंप जल्द किया जाएगा आयोजित

डोईवाला में मंगलवार को आयोजित किया गया स्पेशल दाखिला खारिज कैंप डीएम के विशेष निर्देशों पर आयोजित किया गया था। इस कैंप से ग्रामीणों को लाभ मिला। हालांकि क्षेत्र के जो लोग इस कैंप का फायदा उठाने से चुक गए हैं, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। डोईवाला प्रशासन के अनुसार, तहसील डोईवाला के अंतर्गत अगला विशेष दाखिल खारिज कैंप का आयोजन अगस्त 2023 के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा।

दाखिल खारिज क्या होता है?

दाखिल खारिज जमीन से जुड़ा है। दाखिल का मतलब होता है दर्ज करना और खारिज का मतलब होता है निरस्त करना। जब भी किसी जमीन का सौदा होता है तो क्रेता को विक्रेता के नाम निरस्त करवाकर वहां अपना नाम दर्ज करवाना होता है, इसी प्रक्रिया को दाखिल खारिज कहते हैं। अगर क्रेता जमीन का दाखिल खारिज नहीं करवाता है तो वह संपत्ति का पक्का मालिक नहीं माना जाता है। जमीन के दाखिल खारिज का आवेदन उसकी रजिस्ट्री के कुछ दिन बाद किया जा सकता है।

दाखिल खारिज में कितना समय लगता है

कई प्रदेशों में दाखिल खारिज ऑनलाइन भी करवाया जा सकता है। वैसा ग्रामीण लोग अभी भी दाखिल खारिज तहसील जाकर ही करवाते हैं। जानकारी का आभाव रखने वाले लोग वकील के माध्यम से भी दाखिल खारिज करवा सकता है। आमतौर पर दाखिल खारिज में 45 दिन से 90 दिन का समय लगता है। आप भूलेख वेबसाइट पर जाकर भी दाखिल खारिज का स्टेटस चेक कर सकते हैं।