BRO Uttarakhand Avalanche Rescue: उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से हुए बड़े हादसे के बाद चलाया गया सर्च ऑपरेशन खत्म हो गया है। रविवार को चले सर्च ऑपरेशन में चार और मजदूरों के शव मिले हैं और इस तरह इस हादसे में मरने वाले लोगों की कुल संख्या 8 हो गई है। बताना है कि शनिवार को भी चार शव बरामद किए गए थे।
इसके अलावा बाकी सभी को अभियान चलाकर सुरक्षित निकाल लिया गया है। 28 फरवरी को माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप में एवलांच की यह घटना हुई थी, जिसमें आठ कंटेनरों और एक शेड के अंदर 54 मजदूर दब गए।
बचाव अभियान में इंडियन आर्मी के 5, वायुसेना के दो और एक अन्य हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। बचाए गए लोगों को जोशीमठ के मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और वहां सभी का इलाज चल रहा है।
‘अचानक अजीब गड़गड़ाहट सुनाई दी, लोग भागो-भागो चिल्लाने लगे’
बचाव अभियान में आर्मी, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, बीआरओ और एनडीआरएफ की टीमें भी युद्धस्तर पर जुटी रहीं। कुल मिलाकर 200 से अधिक जवानों को बचाव अभियान में लगाया गया था। बचाव कार्यों में मदद के लिए खोजी कुत्तों को भी चमोली भेजा गया था।
मृतकों की हुई पहचान
मृतकों की पहचान हिमाचल प्रदेश के मोहिंदर पाल और हरमेश चंद, उत्तर प्रदेश के जितेंद्र सिंह, मंजीत यादव, आलोक यादव और अशोक पासवान, उत्तराखंड के अनिल कुमार और अरविंद कुमार सिंह के रूप में हुई है। इस हादसे में मारे गए लोगों के घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर दूर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माणा भारत-तिब्बत सीमा का अंतिम गांव है।
ऊपरी इलाकों में एवलांच की चेतावनी जारी
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने रविवार को उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों के लिए एवलांच की चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अगले 24 घंटों में 2,500 मीटर से ऊपर एवलांच होने की संभावना है। एनडीएमए ने कहा है कि उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले के ऊंचे इलाकों में भी एवलांच की घटना हो सकती है।अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा बर्फबारी के कारण अगले कुछ दिनों तक एवलांच का खतरा बना रहेगा।
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