Uttarakhand Chamoli Avalanche: उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ और माणा के बीच BRO लेबर कैंप एक खतरनाक हिमस्खलन की चपेट में आ गया, जिसके चलते कैंप के 8 कंटेनरों और एक शेड के अंदर 57 मजदूर दब गए। इनके रेस्क्यू के लिए तुरंत ही भारतीय सेना की एक्शन टीमें भेजी गईं, जिन्होंने करीब 16 श्रमिकों का बाहर निकाल लिया है, जबकि 41 अभी भी फंसे हुए जिन्हें निकालने के लिए सेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं।

जानकारी के मुताबिक, यह हादसा सुबह करीब सवा सात बजे हुआ था। हादसे का पता चलेत ही भारतीय सेना की एक्शन टीमें भेजी गईं, जिनमें आईबेक्स ब्रिगेड के 100 से ज्यादा जवान शामिल थे। इनमें में डॉक्टर, एम्बुलेंस और प्लांट उपकरण शामिल थे।

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अब तक निकाले गए 16 लोग

रेस्क्यू के दौरान सुबह 11:50 बजे तक, टीमों ने पांच कंटेनरों का पता लगा लिया और 10 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचा लिया, जो सभी जीवित थे। इसके अलावा अब तक 16 लोगों को बचा लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाए गए लोगों में से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका इलाज जारी है।

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भारतीय सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक फंसे हुए व्यक्तियों को बचाने के उद्देश्य से शेष तीन कंटेनरों के लिए खोज अभियान जारी है। क्षेत्र में भारी बर्फबारी जारी है, और GREF जोशीमठ और माणा के बीच सड़क को साफ करने का काम कर रहा है।

CM धामी बोले- सेना के साथ ITBP की भी ले रहे मदद

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीआरओ के 57 कर्मचारी हिमस्खलन में फंस गए थे, जिनमें से 16 को बचा लिया गया है। सभी तैयारियां कर ली गई हैं। हम ITBP से मदद ले रहे हैं। जिला प्रशासन और अन्य सभी लोग संपर्क में हैं और हम जल्द से जल्द सभी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

आर्मी कैंप में भेजे गए सीरियस मजदूर

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता IG नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि हालत गंभीर होने के चलते मजदूरों को माणा के पास आर्मी के कैंप में भेज दिया गया है। इस बीच BRO के अधिशासी अभियंता CR मीना ने बताया कि मौके पर 57 मजदूर मौजूद थे। IG ने बताया कि घटनास्थाल के नजदीक में तीन से चार एंबुलेंस भी भेजी गई हैं लेकिन भारी बर्फबारी के कारण बचाव दल को वहां पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

ITBP के जवान चमोली जिले के हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान चला रहे हैं। 10 घायल लोगों का अब ITBP और सेना के MI कक्षों में उपचार चल रहा है। खराब मौसम की चुनौतियों के बावजूद फंसे हुए बाकी मजदूरों को खोजने और निकालने के प्रयास जारी हैं।

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