उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 200 किलोमीटर दूर एक गांव की एक प्रेम कहानी की खूब चर्चाएं हो रही हैं। दरअसल एक 16 साल की लड़की ने अपने घर-परिवार, गांव और सरकार तक के विरुद्ध जाकर नजदीक के एक गांव के 20 वर्षीय युवक से शादी कर ली है। हालांकि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दरअसल लड़की के घरवाले इस शादी को नहीं मान रहे हैं।

खबर के अनुसार, यह शादी लड़के के घर में हुई थी। क्योंकि लड़की के घरवाले इस शादी को नहीं मान रहे हैं, इसलिए उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की और अब यह मामला अदालत पहुंच गया है। दरअसल देश के कानून के मुताबिक एक लड़की की शादी की उम्र कम से कम 18 साल और लड़के की शादी की उम्र कम से कम 21 साल होनी जरुरी है। वहीं लड़के और लड़की का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक यौवन प्राप्त करने के बाद शादी की जा सकती है।

बता दें कि हाईकोर्ट ने लड़के और लड़की की याचिका यह कहकर खारिज कर दी है कि लड़की नाबालिग है। इसके बाद लड़के और लड़की ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। वहीं इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। जब उसने अपने परिवार के पास जाने से इंकार कर दिया तो उसे नारी निकेतन भेज दिया गया है।

वरिष्ठ वकील और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी का कहना है कि “यदि कोई लड़का और लड़की नाबालिग हैं, तो इस स्थिति में उनके माता-पिता की रजामंदी जरुरी होती है। लेकिन यदि वह बालिग हैं तो वह खुद ही शादी को जारी रखने या खत्म करने का फैसला कर सकते हैं। हालांकि शरिया कानून में बालिग और नाबालिग की परिभाषा भिन्न है।”

वहीं लड़की के माता-पिता लड़के के परिजनों पर उनकी बेटी को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि वह अपनी बेटी की शादी उस घर में नहीं करना चाहते। वहीं लड़के का कहना है कि यदि उसे (लड़की) को उसके घर भेजा गया तो उसके परिजन उसे जान से भी मार सकते हैं। लड़के ने बताया कि लड़की के परिजनों ने उसे प्रताड़ित किया था, इसीलिए वह उसके घर आयी थी।