उत्तर प्रदेश का संभल जिला पिछले कुछ हफ्तों से सुर्खियों में छाया हुआ है। संभल और चंदौसी में खुदाई चल रही है और रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब संभल के चंदौसी में खुदाई हुई थी। इस दौरान एक प्राचीन इमारत और बावड़ी मिली है। बताया जा रहा है की बावड़ी की खुदाई ही चल रही थी कि तभी एक लंबी सुरंग भी यहां पर मिल गई।
मुस्लिम बहुल मोहल्ले में मिली बावड़ी
जैसे ही सुरंग मिलने की खबर हुई, तुरंत डीएम मौके पर पहुंच गए और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दे दिए गए। बता दें कि मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में खुदाई चल रही थी। यहां पर बावड़ी की तलाश में प्रशासन खुदाई कर रही थी। यहां से कुछ दूरी पर ही बांकेबिहारी मंदिर स्थित है।
क्या होती है बावड़ी?
बावड़ी एक कुआं या फिर तालाब को कहते हैं। इसमें सीढ़ियां बनी होती हैं, जिससे पानी के स्तर तक पहुंचा जा सकता है। प्राचीन काल में इसका निर्माण पानी जमा करने के लिए किया जाता था। आज भी भारत के कई इलाकों में बावड़ियां पाई जाती हैं।
जब बावड़ी मिली तो प्रशासन ने साफ सफाई के निर्देश दे दिए, लेकिन अचानक से यहां पर दो कमरों की एक इमारत भी मिल गई। इसके बाद यहां पर एक सुरंग भी नजर आने लगी। सुरंग मिलने की खबर के बाद संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी मौके पर पहुंच गए। डीएम के अनुसार बावड़ी करीब 150 साल पुरानी है। इसके सर्वे के लिए स्टेट आर्किलॉजिकल की टीम काम कर रही है। सरकारी कागजों में 400 वर्ग मीटर जमीन बावड़ी के रूप में दर्ज है। डीएम के अनुसार 210 स्क्वायर मीटर में बावड़ी बनी है और बाकी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है।
संभल के जिलाधिकारी ने कहा कि बांकेबिहारी मंदिर का रिनोवेशन सभी के सहयोग से कराया जाएगा। वहीं मंदिर के आसपास की जमीन पर हुए अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे। स्थानीय प्रशासन इस मामले को लेकर तेजी से काम भी करने लगा है।
19 कुओं के सर्वे का आदेश
संभल में मिली बावड़ी मिट्टी के ढेर में दब गई थी। मिट्टी हटाकर इसकी जांच की जा रही है और नक्शे के आधार पर जांच की जा रही है। 20 दिसंबर को ही एएसआई की टीम ने संभल के पांच तीर्थों और 19 कुओं के सर्वे का आदेश दिया था।
कैसे मिली बावड़ी?
चंदौसी के लक्ष्मणगंज मोहल्ले में एक हफ्ते पहले 152 साल पुराना बांके बिहारी मंदिर मिला था। इसके बाद सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर ने इस मंदिर को संरक्षण में लेने की मांग की थी। वहीं करीब 100 मीटर की दूरी पर एक मैदान में खुदाई करने की भी मांग की गई थी। जिलाधिकारी ने नगरपालिका की टीम को आदेश दिया और खुदाई शुरू हुई। जैसे ही 7-8 फीट की खुदाई हुई, तुरंत मैदान में बावड़ी की सीढ़ी और दो कमरे दिखाई दिए। अभी और खुदाई की जाएगी। पढ़ें संभल के कार्तिकेय मंदिर में ASI की टीम ने की कार्बन डेटिंग