बिहार टॉपर्स घोटाला मामले में नया खुलासा हुआ है। इस घोटाले के सामने आने के बाद से ही फरार चल रहीं पूर्व जेडीयू विधायक ऊषा सिन्हा के एजुकेशनल दस्तावेज फर्जी निकलने की आशंका है।
ऊषा मिश्रा ने 2010 के विधानसभा चुनाव में जो हलफनामा दिया था, वह बताता है कि उस वक्त उनकी उम्र 49 साल थी। इस हिसाब से देखें तो उन्होंने 1969 में महज 8 साल की उम्र में ही हाईस्कूल पास कर लिया था। उन्होंने 10 साल की उम्र में इंटरमीडिएट और 12 साल की उम्र में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया था। अगले ही साल उन्होंने बीएड भी पूरा कर लिया। यही नहीं, महज 23 साल की उम्र में उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी पूरी कर डाली।
रविवार को फरार चल रहे बिहार बोर्ड के चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह के लिए काम कर रहे दो लोगों को हिरासत में लिया गया था। लालकेश्वर की पत्नी को बिना एफआईआर के ही आरोपी बनाया गया है। अरेस्ट किए गए लोगों के नाम अजीत और संदीप हैं, वे सरकारी कॉलेजों में पढ़ाते हैं। अब अरेस्ट किए गए लोगों की संख्या 8 हो गई है।
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एसएसपी ने बताया कि अजीत और संदीप लालकेश्वर सिंह के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे और सिंह की बीवी व पूर्व जेडीयू विधायक ऊषा सिन्हा के लगातार संपर्क में थे। ऊषा बिहार बोर्ड में टॉपर्स को लेकर हुए खुलासे के बाद से ही फरार चल रही हैं। अजीत और संदीप ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।