भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को मजबूत करने का एक और संकेत देते हुए अमेरिकी नौसेना ने पहले दो एमएच-60 आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स भारतीय नौसेना को सौंपे। भारतीय नौसेना अमेरिकी सरकार से विदेशी सैन्य बिक्री के तहत लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ये 24 हेलीकॉप्टर खरीद रही है जिनकी अनुमानित कीमत 2.4 अरब डॉलर है।
सैन डिएगो के नौसैन्य हवाई स्टेशन नॉर्थ आइलैंड या एनएएस नॉर्थ आइलैंड में शुक्रवार को हुए समारोह में अमेरिकी नौसेना से भारतीय नौसेना को औपचारिक तौर पर हेलीकॉप्टर सौंपे। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू इसमें शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर कहा कि सभी मौसमों में काम करने वाले मल्टी रोल हेलीकॉप्टरों का बेड़े में शामिल होना भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत-अमेरिका की दोस्ती नयी ऊंचाइयां छू रही है।’’
The two MH-60 Romeo helicopters were received by the Indian Ambassador to the United States, Taranjit Singh Sandhu and Indian Navy Deputy Chief Vice Admiral Ravneet Singh at the US Navy base in San Diego pic.twitter.com/PdBSTtNTOW
— ANI (@ANI) July 17, 2021
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा व्यापार पिछले कुछ वर्षों में 20 अरब डॉलर से अधिक तक फैल गया है। रक्षा व्यापार के अलावा भारत और अमेरिका रक्षा मंचों के सह-विकास पर भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। संधू ने हाल के समय में रक्षा क्षेत्र में भारत द्वारा उठाए सुधारात्मक कदमों का जिक्र किया जिससे विदेशी निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा हो गए हैं।
एमएच-60आर हेलीकॉप्टर सभी मौसमों में काम करने वाला हेलीकॉप्टर है जिसे विमानन की नयी प्रौद्योगिकियों के साथ कई मिशनों में सहयोग देने के लिए डिजाइन किया गया है। इन एमआरएच के शामिल होने से भारतीय नौसेना की त्रिआयामी क्षमताएं बढ़ेंगी। हेलीकॉप्टरों को कई विशिष्ट उपकरण तथा हथियारों से भी लैस किया जाएगा। भारतीय चालक दल का पहला बैच अभी अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहा है।
रक्षा विभाग के अनुसार, इस प्रस्तावित बिक्री से भारत की सतह-रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्धक अभियानों की क्षमताएं बढ़ेंगी। भारत इन क्षमताओं का इस्तेमाल क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपने देश की रक्षा को मजबूत करने के तौर पर करेगा। भारत सरकार ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक यात्रा से हफ्तों पहले फरवरी 2020 में हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।