अमेरिका के रहने वाले मार्केटिंग स्कॉलर डॉ. जगदीश शेठ के नाम की घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार विजेताओं की सूची में की गई। पिछले साल जगदीश सेठ ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पहली बार फिलिप कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया था। नरेंद्र मोदी फिलिप कोटलर पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति हैं। ऐसे में जगदीश को पद्म भूषण दिए जाने के बाद लोग टि्वटर पर कह रहे हैं कि हिसाब चुकता हो गया।
सलील त्रिपाठी @saliltripathi ने टि्वटर पर लिखा, “पद्म भूषण प्राप्त करने वाले प्रोफेसर जगदीश सेठ क्या वही हैं जिन्होंने नरेंद्र मोदी को कोटलर अवार्ड दिया था?” काजिम अकील @kazimaqeel3 ने लिखा, “यह एक बहुत ही आसान क्रोनोलॉजी है। प्रोफेसर जगदीश ने मोदी जी को 2019 में कोटलर अवार्ड दिया। मोदी जी ने प्रोफेसर जगदीश को 2020 में पद्म भूषण अवार्ड दिया।”
टि्वटर यूजर @jaysusri1 ने लिखा, “कोटलर अवार्ड दो और पद्म अवार्ड लो।” सैयद मकबूल लिखते हैं, “पक्ष दो और अवार्ड दो।” असना शेख @AsnaSheikh13 लिखती हैं, “जनवरी 2019 में लिया और जनवरी 2020 में दिया।” मनीष @tiyadec07 लिखते हैं, “हो सकता है… लेकिन दोनों उस चीज के योग्य हैं, जो उन्हें मिला।” पाकी पुष्पेन्द्र @Amirazadd लिखते हैं, “तुम मुझे कोटलर दो, मैं तुम्हें पद्मश्री दूंगा।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर फिलिप कोटलर ने पीएम मोदी को पुरस्कार देने के लिए जगदीश शेठ की प्रतिनियुक्ति की थी। प्रोफेसर फिलिप कोटलर वर्ल्ड मार्केटिंग समिट ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन हैं। स्ट्रेटेजिक मार्केटिंग के मामले में फिलिप को दुनिया का सबसे मशहूर एक्सपर्ट माना जाता है। उन्हें पूरी दुनिया में ‘फादर ऑफ मॉडर्न मार्केटिंग’ भी कहा जाता है।
नरेंद्र मोदी को दिए गए पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में कहा गया था कि मोदी ने नेतृत्व में भारत की पहचान ‘इनोवेशन और वैल्यू एडेड प्रोडक्शन सेंटर (मेक इन इंडिया)’ के साथ ही इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी और वित्त जैसे सेवाओं के केंद्र में रूप में हुई है। नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की वजह से सामाजिक लाभ और वित्तीय समावेशन के लिए विशिष्ट पहचान संख्या, आधार सहित डिजिटल क्रांति हो सकी। इससे उद्यमिता, व्यापार सुगमता और देश के लिए 21वीं सदी का ढांचागत विकास करने में मदद मिली है।
वहीं जगदीश सेठ जॉर्जिया में एमोरी विश्वविद्यालय के एक प्रसिद्ध स्कॉलर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नेता हैं। उन्हें उपभोक्ता मनोविज्ञान, रिलेशनशिप मार्केटिंग, कॉम्पिटेटिव स्ट्रेटजी और जियो पॉलिटिकल विश्लेषण में योगदान के लिए जाना जाता है। फिलिप कोटलर बीमारी की वजह से खुद नरेंद्र मोदी को यह पुरस्कार नहीं दे सके थे। इसलिए उन्होंने जगदीश सेठ को पीएम मोदी को पुरस्कार देने के लिए भेजा था।