रविवार को हुए उरी हमले की जांच कर रही एजेंसी के हाथ कुछ प्रमुख जानकारियां लगी हैं। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को शक है कि चारों आतंकियों ने हमला करने से पहले ब्रिगेड हेडक्वॉटर के ऊपर बने पहाड़ पर रात बिताई थी। NIA के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन लोगों ने जवानों को कुक हाउस और स्टोर रूम में बाहर से बंद कर दिया था ताकि उस जगह को जलाए जाने के वक्त जवान बाहर ना आ सकें। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक दो बिल्डिंग्स को बाहर के लॉक कर दिया गया था ताकि कोई बाहर ना आ सके। NIA को शक है कि आतंकियों को जगह के बारे में पहले से काफी जानकारियां थीं। खबर के मुताबिक, आतंकियों ने सबसे पहले एक चौकीदार को गोली मारी। इसके बाद उनमें से तीन आतंकी जवानों के टेंट की तरफ बढ़ गए थे। वहीं चौथा आतंकी ऑफिसरों के मेस की तरफ गया था।
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फिलहाल NIA इस बात के सबूत पुख्ता कर रही है कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे। इसके लिए डेमेज हो चुके जीपीएस से डाटा निकालने की कोशिश की जारी है। ताकि दुनिया के सामने उसे पाकिस्तान के खिलाफ सबूत की तरह पेश किया जा सके। साथ ही चारों आतंकियों का अंतिम संस्कार करने से पहले उनके फिंगरप्रिंट भी ले लिए गए थे। इन्हें भी जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा। जिन राइफलों से आतंकियों ने हमला किया था उन्हें भी संभाल कर रखा गया है। उनपर अबतक तो कोई ऐसी पहचान नहीं मिली है जिससे उन्हें पाकिस्तान का माना जा सके। लेकिन आतंकियों के पास से मिली सूई, पेनकिलर, खाने पर पाकिस्तान मेनुफेक्चर का नाम है।
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उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में रविवार (18 सितंबर) सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक बटालियन मुख्यालय पर हमला कर दिया था, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हुए थे। घायलों में से एक ने बाद में हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था। यह हमला हाल के वर्षों में सेना पर किए गए सबसे घातक हमलों में से एक था। हमले में शामिल चार आतंकियों को सेना ने मार गिराया था।