ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवाद के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। ऐसी जालसाजी को रोकने के लिए सरकार ने पहली बार यूपीएससी को रजिस्ट्रेशन और भर्ती परीक्षाओं के अलग-अलग चरण में कैंडिडेट्स की पहचान आधार कार्ड से करने की इजाजत दे दी है। हालांकि यह स्वेच्छिक होगा। इसको लेकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने नोटिस भी जारी कर दिया है।
सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
केंद्र सरकार ने यूपीएससी में आधार कार्ड के जरिए वेरिफिकेशन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार की ओर से आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन की इजाजत मिलने के बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यूपीएससी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान वेरीफाई करने के लिए स्वैच्छिक आधार पर ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है। हालांकि यह पूरी तरह से स्वेच्छिक होगा।
बता दें कि ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवाद के बाद सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। फर्जी प्रमाणपत्र के अधार पर नौकरी के आरोप में प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। भविष्य में भी उसके परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है। पूजा खेडकर पर फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट और ओबीसी नॉन क्रीमीलेयर सर्टिफिकेट बनवाने सहित कई आरोप हैं।
इससे पहले यूपीएससी ने परीक्षाओं में धोखाखड़ी रोकने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी अफनाने का फैसला किया था। परीक्षा में नकल रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है। यूपीएससी की अगली मेन्स परीक्षा 20 सितंबर को आयोजित होगी। परीक्षा के दौरान परीक्षा कक्ष में (AI) आधारित सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे। यूपीएससी की ओर से आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट, कैंडिडेट्स का फेशियल रिकगनिशन, एडमिट कार्ड स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड और एआई बेस्ड सीसीटीवी सर्विलांस तकनीक को लेकर टेंडर भी जारी किए गए हैं।