पश्चिमी यूपी का संभल जिला आतंकवाद निरोधी एजेंसियों के राडार पर आ गया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा का मदद पहुंचाने वाले कई आरोपियों का ताल्लुक संभल से है। यह जानकारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अदालत सामने दाखिल चार्जशीट में दी। यह चार्जशीट भारत में अल कायदा के 17 संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ दाखिल की गई थी, इनमें से 12 फरार हैं। इन पर भारत में अल-कायदा का Al Qaeda for Indian Suncontinent (AQIS) के बैनर तले आधार बनाने का आरोप है।
पुलिस ने दावा किया है कि संभल का रहने वाला मौलाना असीम उमर, जो कि फिलहाल पाकिस्तान में है, AQIS कर मुखिया है। चार्जशीट के 17 संदिग्धों में से 6 संभल जिले के रहने वाले हैं। यहां के निवासी मोहम्मद आसिफ और जफ़र मसूद को तो अरेस्ट कर लिया गया है, मगर मौलाना असीम उमर, सैयद अख्तर, मो. शरजील अख्तर और उस्माल अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
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चार्जशीट में दावा किया गया है कि संभल के यह आरोपी भारतीय युवाओं को जिहाद में शामिल होने के लिए उकसा रहे थे। इन्होंने आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए युवाओं के पाकिस्तान जाने की भी व्यवस्था की थी। पुलिस ने आरोप लगाया है कि संभल के कई युवा पाकिस्तान जाकर अल-कायदा ज्वाइन करने के बाद हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेकर वापस लौट आए हैं।