उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में सुधार लाने और अपराध नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मंजूरी दे दी है। पहले चरण में राजधानी लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर नोएडा में पुलिस कमिश्नर की तैनाती की गई है। सीनियर आईपीएस ऑफिसर सुजीत पांडेय को लखनऊ और आलोक सिंह को नोएडा का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। इस निर्णय के बाद डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास आ जाएंगे। अभी तक देश के 15 राज्यों के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर नियुक्त हैं। यूपी में यह प्रणाली पहली बार लागू हुई है।

संवाददाता सम्मेलन में सीएम ने दी जानकारी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 50 वर्ष से उत्तर प्रदेश में ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के लिये पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। अब मंत्रिमं­डल ने लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में यह प्रणाली लागू किया है।

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एडीजी स्तर के अधिकारी बनेंगे पुलिस कमिश्नर: उन्होंने कहा कि काफी पहले से विचार किया जा रहा था कि नगरीय आबादी के लिए यह प्रणाली लागू होनी चाहिए, मगर राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में इसे नजरअंदाज किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि प्रदेश सरकार ने राज्य के इन दो महत्व­पूर्ण क्षेत्रों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि लखनऊ में 40 लाख लोग और गौतमबुद्धनगर में 25 लाख लोग रहते हैं और इन दोनों ही जगहों पर अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं। साथ ही पुलिस महानिरीक्षक रैंक के दो-दो अधिकारी संयुक्त आयुक्त होंगे।

कहा भविष्य में दूसरे शहरों में हो सकती है तैनाती : मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस आयुक्त और उपायुक्तों की मदद के लिए लखनऊ में पुलिस अधीक्षक स्तर के नौ और नोएडा में पांच अधिकारी तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर की एक-एक महिला अधिकारी की भी तैनाती की जाएगी। साथ ही पुलिस अधीक्षक स्तर का एक अधिकारी यातायात प्रणाली के लिए भी तैनात होगा। योगी ने अन्य बड़े शहरों में भी आयुक्त प्रणाली लागू करने की सं­भावना संबंधी सवाल पर कहा,‘‘प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे।’’