लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और 37 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस सबके बीच सामने आया है कि सपा के कई वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों पर क्रिमिनल केस हैं। 2017 से अब तक समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा या लोकसभा के लिए चुने गए 21 विधायक राज्य भर में आपराधिक मामलों में फंसे हैं।

इन 21 में से 12 मौजूदा विधायक और दो मौजूदा सांसद हैं। तीन लोगों ने मामले दर्ज होने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी है जबकि अन्य तीन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज होने के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए। इन आरोपों में बलात्कार और भूमि हड़पने जैसे गंभीर अपराधों से लेकर आत्महत्या के लिए उकसाना, समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और अपमानजनक टिप्पणी करना जैसे आरोप शामिल हैं।

सपा के दो विधायक राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह के खिलाफ मामले दर्ज हैं और उन्होंने इस साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी, जिससे भाजपा को जीत मिली थी। गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी, भदोही के विधायक जाहिद बेग और अमरोहा के विधायक महबूब अली हाल ही में सपा के चुने गए नेताओं में शामिल हैं, जिन पर मामला दर्ज किया गया है।

सपा के कई विधायकों-सांसदों के खिलाफ मामला दर्ज

बेग के साथ ही एक अन्य सपा विधायक रमाकांत यादव भी गिरफ्तार हैं। सपा के चार पूर्व विधायक- आजम खान , उनके बेटे अब्दुल्ला, इरफान सोलंकी और रामेश्वर सिंह यादव भी जेल में हैं। 2021 में नाहिद हसन के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था , जो उस समय कैराना से विधायक थे।

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जनवरी 2022 में, आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद हसन को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने जेल से कैराना सीट के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। करीब एक साल बाद जमानत पर रिहा हुए हसन कहते हैं, “मेरे खिलाफ 22 मामले दर्ज किए गए हैं और उनमें से ज्यादातर (जिनमें गैंगस्टर एक्ट का मामला भी शामिल है) अभी भी अदालत में पेंडिंग हैं।”

जसवंतनगर विधायक शिवपाल पर मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप

इस साल मई में बदायूं लोकसभा सीट पर अपने बेटे के लिए प्रचार करते समय, सपा के राष्ट्रीय महासचिव और जसवंतनगर विधायक शिवपाल पर बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। उन पर जानबूझकर अपमान करने और समुदायों के बीच दुश्मनी या दुर्भावना को बढ़ावा देने वाले बयान देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।बदायूं के सिविल लाइंस थाने के प्रभारी संजय कुमार सिंह ने पुष्टि की कि मामले की जांच जारी है।

प्रभु नारायण सिंह, सकलडीहा विधायक- प्रभु नारायण और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं पर दिसंबर 2021 में चंदौली में पुलिस टीम पर हमला करने और सीएम आदित्यनाथ द्वारा रैली स्थल पर जाने से रोकने पर हाथापाई करने का आरोप है। घटना का वीडियो वायरल हुआ और पुलिस ने तीन दिन बाद मामला दर्ज किया। पिछले साल मई में चंदौली की एक अदालत ने प्रभु नारायण और उनके भाई अनिल यादव को 2015 के पंचायत चुनावों से जुड़े एक मामले में गलत तरीके से रोकने और आपराधिक बल प्रयोग के लिए तीन महीने की कैद की सजा सुनाई। विधायक अब बाहर हैं।

मनोज पारस, नगीना विधायक- 2021 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान , पारस, जो उस समय नगीना से विधायक थे, पर अन्य लोगों के साथ बिजनौर के सरायमीर इलाके में कथित तौर पर रोजा इफ्तार आयोजित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। बिजनौर पुलिस ने पारस और अन्य के खिलाफ लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया है। पारस ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बिजनौर की एक अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है।

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शाजिल इस्लाम अंसारी, भोजीपुरा विधायक- अप्रैल 2022 में एक समारोह के दौरान सीएम आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद अंसारी के खिलाफ दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया था।

राकेश कुमार वर्मा, रानीगंज विधायक- जून 2022 में, प्रतापगढ़ पुलिस ने वर्मा और अन्य लोगों पर एक सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग करने और अन्य अपराधों के आरोप में मामला दर्ज किया।

अभय सिंह, गोसाईगंज विधायक- 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अभय और उनके समर्थकों द्वारा भाजपा प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थकों के साथ महाराजगंज पुलिस स्टेशन में झड़प के बाद मामला दर्ज किया गया था, जिसमें एक दूसरे पर पथराव और कथित तौर पर गोलियां चलाई गई थीं।

रामेश्वर सिंह यादव, पूर्व विधायक अलीगंज- रामेश्वर को एटा पुलिस ने 2022 में उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत जमीन हड़पने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार किया था। जेल में रहते हुए, उन पर और उनके परिवार के तीन सदस्यों पर एक 48 वर्षीय विवाहित महिला को नौकरी दिलाने के बहाने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया गया।

इन पर भी दर्ज हैं कई केस

इसके अलावा कर्नलगंज से सपा के पूर्व विधायक योगेश प्रताप सिंह, डुमरियागंज विधायक सैय्यदा खातून, राकेश प्रताप सिंह-गौरीगंज विधायक, जाहिद बेग-भदोही सदर विधायक, आजम खान-रामपुर के पूर्व सांसद, विधायक के खिलाफ़ भी कई मामलों में केस दर्ज है। सपा के टिकट पर अब्दुल्ला आजम खान-पूर्व स्वार विधायक, तूफानी सरोज-केराकत विधायक,दीप नारायण सिंह उर्फ ​​दीपक यादव-पूर्व विधायक गरौठा, इरफान सोलंकी-पूर्व विधायक शीशमऊ, जिया उर रहमान बर्क-संभल सांसद, अफजाल अंसारी-गाजीपुर सांसद, महबूब अली-अमरोहा विधायक पर भी मामले दर्ज हैं।