उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर से नाराज दारोगा ने विरोध का ऐसा तरीका अपनाया कि उसकी जान पर ही बन आई। दरअसल, दारोगा इटावा जिले के बीहड़ वाले इलाके में पोस्टिंग से नाराज था। 35 साल के विजय प्रताप को जब बिहड़ स्थित बिठौली थाने में दोबारा तैनाती का निर्देश मिला, तब उन्होंने इसके विरोध में एसएसपी बंगले से 60 किलोमीटर दूर बिठौली थाने के लिए दौड़ लगा दी। करीब 50 किलोमीटर दौड़ने के बाद उनका दम टूटने लगा और वह बेहोश होकर हनुमंतपुरा कस्बे के पास गिर गए। हुनमंतपुरा कस्बे के लोगों ने बहोशी की हालत में दारोगा को उठाया। मौके पर पुलिस भी पहुंची और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां से हालत कराब होते देख उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक विजय प्रताप 3 महीने से बिठौली थाने में अनुपस्थित थे। जिसकी वजह से एसएसएपी संतोष कुमार मिश्र ने उन्हें पुलिसलाइन भेज दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को दारोगा की दोबारा बिठौली थाने में तैनाती कर दी गई। इससे नाराज होकर उन्होंने दौड़ लगा दी। शुक्रवार को एसएसपी दफ्तर से दौड़ शुरू करने के बाद वह इटावा शहर, इकदिल, बकेवर, लखना और चकरनगर तक की दूरी तय की। लेकिन, बिठौली मार्ग पर हनुमंतपुरा चौराहे पर बेहोश होकर गिर गए। फिलहाल, दारोगा कि हालत स्थिर बताई जा रही है।

उधर, इस मामले में जिले के एसएसपी संतोष कुमार मिश्र ने दारोगा विजय प्रताप को विवादित रिकॉर्ड वाला अफसर बताया। उन्होंने बताया कि दारोगा ने पीएम मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी भी की थी, जिसकी जांच चल रही है। सोशल मीडिया पर पार्टी विशेष के लिए प्रचार करने का भी आरोप है। वहीं, दारोगा विजय प्रताप ने न्यूज चैनल टीवी9 भारतवर्ष को बताया कि उनके खिलाफ गलत व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने संविधान और अधिकारों की रक्षा हेतु संदेश देने के लिए दौड़ लगाई है।