Yogi Adityanath Sambhal Mosque Controversy: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर अदालत के आदेश का जोरदार बचाव किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अदालत ने सर्वे का आदेश इसलिए दिया था कि जिससे यह पता लग सके कि संभल की शाही जामा मस्जिद हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी। उन्होंने हिंदू धार्मिक स्थलों पर मस्जिदों के निर्माण को एक ‘घाव’ बताया और कहा कि इसकी ‘सर्जरी’ किए जाने की जरूरत है।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो यह कैंसर बन सकता है।
याद दिलाना होगा कि पिछले साल नवंबर के महीने में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा हुई थी। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। इसे लेकर कई दिनों तक बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल सपा के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी।
भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं और हर उस जगह का सम्मान करते हैं, जहां पर लंबे वक्त से पूजा-प्रार्थना की जा रही हो लेकिन अगर किसी समुदाय के पूजा स्थल को तोड़ा जाता है तो इसकी जोरदार ढंग से आलोचना की जानी चाहिए।
संभल को दे दिया इस्लामिक रूप
योगी ने कहा, “आप देखिए कि संभल को कैसे इस्लामिक रूप दे दिया गया है। हमारे धर्म के सभी प्रतीक चिह्नों को नष्ट कर दिया गया है, उन्हें छुपा दिया गया है या उन्हें सीमेंट से ढक दिया गया है।” योगी ने कहा कि साल 2017 से पहले संभल में लगातार दंगे होते थे।
योगी आदित्यनाथ ने प्राचीन हिंदू धर्म शास्त्रों के हवाले से कहा कि हजारों साल पहले लिखे गए हिंदू साहित्य में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि के भविष्य में प्रकट होने का उल्लेख किया गया है।
योगी ने ऐतिहासिक पुस्तकों जैसे- आईने अकबरी का हवाला देते हुए कहा कि मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में संभल के कल्कि मंदिर को मस्जिद बना दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं अपने उस इतिहास के बारे में बात कर रहा हूं जो 5000 साल से ज्यादा पुराना है। उनके पास तो 500 साल से ज्यादा का इतिहास भी नहीं है।”
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वक्फ बोर्ड को बताया माफिया का बोर्ड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड की भी आलोचना की और इसे माफिया का बोर्ड बताया और संकल्प लिया कि अवैध रूप से कब्जा की गई एक-एक इंच जमीन को वापस लिया जाएगा और इस पर जनकल्याण की परियोजनाओं का काम किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को हिंदू और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया। योगी ने अपने राजनीतिक विरोधियों से कहा कि वे भारत की आध्यात्मिक विरासत को स्वीकार करें। उन्होंने राम मंदिर न जाने के लिए उनकी आलोचना भी की।
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बंद पड़े मंदिरों को खोलने की मांग
बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में संभल, काशी, मुरादाबाद और फिरोजाबाद में बंद पड़े पुराने मंदिरों को खोला गया है। मुरादाबाद में मिले मंदिर में तो गर्भ गृह से खंडित मूर्तियां भी मिली थीं जबकि काशी में एक ऐसा मंदिर मिला था जो 70 साल से बंद था। हिंदू संगठनों की ओर से बंद पड़े सभी मंदिरों को खोले जाने की मांग उठाई जा रही है।
हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता के रूप में है योगी की पहचान
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं और हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता के रूप में पहचाने जाने जाते हैं। उन्होंने 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश से बाहर निकल कर कई राज्यों में चुनाव प्रचार किया है। योगी आदित्यनाथ बीजेपी के ऐसे नेताओं में शामिल हैं जिनकी हर राज्य के चुनाव प्रचार में बड़ी मांग है।
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