यूपी के पीलीभीत जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शनिवार को बीसलपुर प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर फुरकान अली का निलंबन ‘मानवीय आधार’ पर वापस ले लिया। फुरकान का ट्रांसफर अब दूसरे स्कूल में कर दिया गया है। बता दें कि 14 अक्टूबर को स्थानीय विश्व हिंदू परिषद नेताओं की शिकायत के बाद प्रशासन ने फुरकान अली को सस्पेंड कर दिया था। शिकायत की गई थी कि फुरकान ने स्कूल में मदरसों में होने वाली धार्मिक प्रार्थना करवाई।

हालांकि, बीसलपुर के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) उपेंद्र कुमार ने पाया कि अली ने बच्चों से ‘लब पर आती है दुआ’ कविता पढ़वाई जिसे 1902 में कवि मोहम्मद इकबाल ने लिखा था। इकबाल ही ‘सारे जहां से अच्छा’ के रचयिता हैं। शनिवार को बीएसए देवेंद्र स्वरूप की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि अली को सरकारी नियमों का पालन करने के लिए कड़ी चेतावनी दी गई है।

आदेश में लिखा है, ‘बीईओ की ओर से चल रही जांच की रिपोर्ट फिलहाल नहीं मिली है, लेकिन फुरकान अली का निलंबन मानवीय आधार पर वापस ले लिया गया है और उन्हें बीसलपुर इलाके के बख्तावर लाल प्राइमरी स्कूल में तैनात किया गया है। उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई है कि वह भविष्य में सभी सरकारी नियम कायदों का पालन करेंगे और सीनियर अधिकारियों का आदेश मानेंगे।’ आदेश में यह भी कहा गया है कि निलंबन वाले दिनों के लिए भी अली को भुगतान किया जाएगा। एक बयान में बीएसए ने यह भी कहा कि हेडमास्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक मामले की भी जांच चल रही थी।


वहीं, दूसरी ओर पीलीभीत के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘हेडमास्टर फुरकान अली को इसलिए सस्पेंड किया गया क्योंकि एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वह यह कहते सुने गए कि चूंकि प्राइमरी स्कूल के अधिकतर छात्र एक खास समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए उनकी दरख्वास्त के मद्देनजर वह अक्सर सुबह की असेंबली में इकबाल की कविता पढ़वाते थे।’